20/1/19 आईपीएस संजीव भट्ट को उम्रकैद!
तीन दशक पहले हिरासत में मौत का मामला,5 को 2 साल की कैद , जामनगर: गुजरात में एक अदालत ने गुरुवार को पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को 1990 मे हिरासत में हुई एक मौत के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई, जामनगर सत्र अदालत के न्यायाधीश डीएन व्यास ने भट्ट के अलावा पांच अन्य पुलिसकर्मी उप निरीक्षक दीपक शाह और शैलेश पांडेय, कॉन्स्टेबल प्रवीण सिंह जडेजा, अनूप जेठवा, और केसुभाष जडेजा को भी दोषी ठहराया और 2 साल की कैद की सजा सुनाई, यह मामला 1990 का है जब भट गुजरात के जामनगर में अतिरिक्त पुलिस अध्यक्ष के पद पर तैनात थे, ज़ब जोधपुर कस्बे में संप्रदायिक दंगों के दौरान करीब 150 लोगों को हिरासत में था! अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा रोके जाने के खिलाफ आवाहन किए गए बंद के बाद यह दंगा भड़का था, इनमें से प्रभु दास वैसनानी नाम के एक शख्स के हिरासत से रिहा किए जाने के बाद अस्पताल में मौत हो गई थी, वेशनानी के भाई ने भटट और 6 अन्य पुलिस वालों पर हिरासत के दौरान प्रताड़ना का केस किया था! तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुजरात के 2002 दंगों के दौरान दंगाई के खिलाफ पुलिस पर नरम रवैया अपनाने का आरोप लगाने वाले भटट को लंबे समय तक अनुपस्थित रहने के कारण 2011 में निलंबित तथा अगस्त 2015 में बर्खास्त कर गए कर दिया गया था, उन्होंने इस मामले में 12 जून को उच्चतम न्यायालय में याचिका देकर 10 अतिरिक्त गवाहों के बयान लेने का आग्रह किया था! अदालत ने इसे खारिज कर दिया था!
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