भाजपा छोड़ बिहार में नयी पार्टी बनायेंगे आरसीपी सिंह, पार्टी में उचित स्थान नहीं मिलने से थे नाराज
भाजपा छोड़ बिहार में नयी पार्टी बनायेंगे आरसीपी सिंह, पार्टी में उचित स्थान नहीं मिलने से थे नाराज
पटना 21 अक्टूबर (पीएमए) बिहार में अगले वर्ष 2025 में बिहार विधानसभा का आम चुनाव होना है। इसको लेकर सियासी गलियारों में उथल-पुथल मचा हुआ है। इस बीच बिहार के दिग्गज नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह यानी आरसीपी सिंह ने ऐलान कर दिया है कि वे भाजपा छोड़ बिहार में नयी पार्टी बनायेंगे। जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। बता दें कि, उन्होंने 5 अगस्त 2022 में जद(यू.) से इस्तीफा दिया था। जद(यू.) छोड़ने के ठीक 9 महीने बाद 11 मई 2023 को दिल्ली में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया था। लेकिन, भाजपा में उचित स्थान नहीं मिलने से वे काफी समय से नाराज चल रहे थे।
बता दें कि, पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह बिहार में कयी दिनों से सक्रिय नजर आ रहे थे। जिससे यह चर्चा हो रही थी कि वे जल्द ही नयी पार्टी की घोषणा करेंगे। इसको लेकर उन्होंने पहले से तैयारी कर ली थी। यही वह वजह है कि समर्थकों की ओर से आरसीपी सिंह की तस्वीर के साथ पटना की सड़कों पर पोस्टर भी लगाये गये हैं। जद(यू.) ने वर्ष 2022 में आरसीपी सिंह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। जद(यू.) के कार्रवाई का आधार उनकी और उनके घर वालों की संपत्ति में वृद्धि बतायी गयी थी। दिलचस्प बात यह है कि इनकी संपत्ति का ब्योरा जद(यू.) के नेताओं द्वारा जुटाया गया था। उनके मुताबिक, आरसीपी सिंह और उनके घर वालों ने 2013 से 2022 तक नालंदा जिले में सिर्फ दो प्रखंड अस्थवां व इस्लामपुर में करीब 40 बीघा जमीन खरीदी थी। कयी और जिलों में भी उनकी संपत्ति होने की बात कही गयी थी।
जद(यू.) द्वारा इसे भ्रष्टाचार के मोर्चे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जीरो टॉलरेंस नीति के खिलाफ माना था। अपने ही जद(यू.) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के खिलाफ जांच करने और उनसे भ्रष्टाचार संबंधी सवाल जवाब करने वाली जद(यू.) हालिया वर्षों में देश की पहली पार्टी बन गयी थी। आरसीपी सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जिसके बाद आरसीपी सिंह द्वारा सादे कागज पर इस्तीफा दिया गया था।
रामचंद्र प्रसाद सिंह यानी आरसीपी सिंह 1984 बैच के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वजातीय हैं और उनके गृह जिले नालंदा के ही निवासी हैं। बता दें कि, आरसीपी सिंह उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी थे। नीतीश कुमार जब केंद्र में मंत्री बने तब उन्हें उत्तर प्रदेश से लाकर अपना सचिव बनाया गया। उसके बाद जब बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली तो फिर से उन्हें उत्तर प्रदेश बुलाकर अपना प्रधान सचिव बनाया। फिर नीतीश कुमार ने जद(यू.) का सुप्रीमो भी आरसीपी सिंह को बनाया था। लेकिन, वह जैसे-जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीब होते गये। बाद में दोनों में दूरियां बढ़ गयीं। फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।
Comments
Post a Comment