शोध गुणवत्ता से बनेगी विभाग की पहचान: प्रो. कीर्ति पाण्डेय
शोध गुणवत्ता से बनेगी विभाग की पहचान: प्रो. कीर्ति पाण्डेय
गोरखपुर 21 अक्टूबर (पीएमए) शोध की गुणवत्ता से ही किसी विभाग की पहचान बनती है। शोधार्थियों को अपने शोध के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए। शोध, विषय के गहन ज्ञान की अभिव्यक्ति है। शोध के परिणाम से न केवल विषय का ज्ञान बढ़ता है बल्कि राज्य की सामाजिक-आर्थिक नीति निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गोरखपुर के समाजशास्त्र विभाग में समाजशास्त्रीय ज्ञान एक बड़ी परंपरा रही है, नये शोधार्थियों को इसका निर्वहन करना होगा। विभाग एक परिवार के समान है, सबको समान रूप से सभी शिक्षकों से मार्गदर्शन लेना चाहिए।
उक्त व्क्तव्य उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की अध्यक्ष एवं समाजशास्त्र विभाग की पूर्व अध्यक्ष प्रो. कीर्ति पाण्डेय ने नव-प्रवेशी शोधार्थियों के लिए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय समाजशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित इंडक्शन प्रोग्राम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. अनुराग द्विवेदी ने नवप्रवेशी शोधार्थियों को विभाग तथा विश्वविद्यालय की गुणवत्तापूर्ण गतिविधियों एवं परंपराओं के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम का संचालन विभाग के सहायक आचार्य दीपेंद्र मोहन सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ मनीष कुमार पांडेय ने किया। इस अवसर पर अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. राजवंत राव, प्रो. संगीता पांडेय, प्रो. सुभी धुसिया, प्रो. अंजू, श्री प्रकाश प्रियदर्शी तथा डॉ. पवन कुमार सहित समस्त नवप्रवेशी शोधार्थी उपस्थित रहे।
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