चंदननगर की जगद्धात्री पूजा इस बार कई तरह के आश्चर्य से भरी होगी। पंडाल, रोशनी, प्रतिमा और सजावट हर स्तर पर लोगों के लिए कुछ नया देखने को मिलेगा। पूजा समितियों की संख्या भी इस वर्ष पिछले साल की तुलना में बढ़ी है।
चंदननगर की जगद्धात्री पूजा में इस बार रहेगा ‘चमत्कारों’ का संसार
रिपोर्टर : बिनय प्रकाश दास
हुगली, पश्चिम बंगाल
चंदननगर की जगद्धात्री पूजा इस बार कई तरह के आश्चर्य से भरी होगी। पंडाल, रोशनी, प्रतिमा और सजावट हर स्तर पर लोगों के लिए कुछ नया देखने को मिलेगा। पूजा समितियों की संख्या भी इस वर्ष पिछले साल की तुलना में बढ़ी है।
शुक्रवार को चंदननगर सेंट्रल कमिटी की पत्रकार सम्मेलन में चेयरमैन निमाई चंद्र दास, अध्यक्ष श्यामल कुमार घोष, सचिव शुभजीत साउ, संयुक्त सचिव अमित पाल और देबब्रत विश्वास, कार्यकारी अध्यक्ष जयदीप भट्टाचार्य, ओमप्रकाश चौधरी, मानव दास सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।
आगामी 27 अक्टूबर से षष्ठी के दिन जगद्धात्री आराधना शुरू होगी और 1 नवंबर को पारंपरिक शोभायात्रा आयोजित की जाएगी। चंदननगर, मानकुंडु और भद्रेश्वर मिलाकर पिछले वर्ष पूजा समितियों की संख्या थी 177, जबकि इस बार 3 नई बारोवारी समितियों के जुड़ने से कुल संख्या 180 हो गई है। इनमें चंदननगर थाना क्षेत्र में 133 और भद्रेश्वर थाना क्षेत्र में 47 पूजा होंगी। इनमें 10 जयन्ती वर्ष और 11 प्राक-जयन्ती वर्ष की पूजा शामिल हैं।
इस वर्ष की शोभायात्रा में 70 पूजा समितियाँ भाग लेंगी और 245 ट्रक सजाए जाएंगे। चंदननगर थाना क्षेत्र से 56 और भद्रेश्वर क्षेत्र से 14 समितियाँ इसमें भाग लेंगी।
प्रतिमा विसर्जन रानी घाट सहित चंदननगर और भद्रेश्वर के कुल 14 गंगा घाटों पर किया जाएगा।
सेंट्रल कमिटी के सामान्य सचिव शुभजीत साउ ने बताया कि चंदननगर की परंपरा के अनुसार विसर्जन शोभायात्रा में डीजे बॉक्स पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। प्लास्टिक का उपयोग वर्जित किया गया है। हर पूजा समिति को प्रतिमा वाहन में अग्निशामक सिलेंडर रखना अनिवार्य होगा। मंडपों में सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। पर्यावरण संरक्षण के लिए शिशामुक्त रंग का उपयोग किया जाएगा, और डेंगू से बचाव हेतु गंदगी या कचरा नहीं फेंका जाएगा। विसर्जन के समय आतिशबाजी पर भी प्रतिबंध रहेगा।
इस बार शोभायात्रा में शामिल ट्रकों के चालकों के आगे इलेक्ट्रिक बोर्ड नहीं रहेगा, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना घटेगी।
चंदननगर की जगद्धात्री शोभायात्रा की शुरुआत 70 वर्ष पहले हुई थी। उस समय केवल 7 पूजा समितियाँ इस परंपरा का हिस्सा थीं। आज यह संख्या 180 तक पहुँच चुकी है।
पूजा या शोभायात्रा के दौरान यदि किसी समिति ने केंद्रीय कमिटी के नियमों का उल्लंघन किया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
लाखों श्रद्धालु हर साल चंदननगर की जगद्धात्री देखने आते हैं। उनके लिए इस वर्ष बायो-टॉयलेट, पर्याप्त रोशनी और सख्त पुलिस सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। शोभायात्रा मार्ग को चार जोन में बाँटा गया है, जहाँ केंद्रीय कमिटी के सदस्य तैनात रहेंगे।
कभी चंदननगर की जगद्धात्री पूजा केवल चार दिन (सप्तमी से दशमी) तक सीमित थी, पर अब पंचमी से ही दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ने लगती है।
केंद्रीय शोभायात्रा उपाध्यक्ष मानव दास ने बताया कि दो पंचांगों के मतभेद के कारण इस बार विसर्जन शोभायात्रा 1 नवंबर को होगी, और अगले दिन भी विसर्जन जारी रहेगा। सामान्यतः चंदननगर में चार दिन की पूजा और दशमी के दिन विसर्जन होता है, लेकिन इस बार वह अवधि एक दिन बढ़ा दी गई है।
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