राजगढ़ धाम पहुंचे हजारों लोगों ने एक साथ किया नशे का परित्याग, मेड़ता से भी कई भक्त पहुंचे राजगढ़
राजगढ़ धाम पहुंचे हजारों लोगों ने एक साथ किया नशे का परित्याग,
मेड़ता से भी कई भक्त पहुंचे राजगढ़
- धाम पर सिर्फ लोगों ने नशा नहीं कई लोगों ने नशे का कारोबार भी छोड़ा
लक्ष्मीनारायण वैष्णव
मेड़ता सिटी| मेड़ता से राजगढ़ भैरव धाम पर मेड़ता क्षेत्र के भक्त पहुंच के वहां ली नसे से मुक्ति एक साथ हजारों कि संख्या में लोगो ने नशा छोड़ने का प्रण लिया मेड़ता मनीष सोनी जो भैरव महाराज का भक्त है ने वाकया बताया कि मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ में एकसाथ हजारों लोगों ने नशे का परित्याग किया। इतना ही नहीं सैकड़ों ऐसे लोग भी यहां पहुंचे जो नशे के कारोबार में लिप्त थे, उन्होंने भी नशे का कारोबार छोड़कर काम-धंधे, मेहनत-मजदूरी या फिर नौकरी करने का संकल्प लिया। धाम पर वे लोग भी पहुंचे जो यहां से मिली प्रेरणा के बाद नशे को छोड़ चुके थे और उन्होंने नशा छोड़ने के बाद उनकी जिंदगी में आए बदलाव के किस्से लोगों को बताएं ताकी वे नशा छोड़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रेरित हो सकें।
राजगढ़ धाम पर सबसे पहले धाम के उपासक चम्पालाल महाराज ने बाबा भैरव व मां कालिका के साथ चक्की वाले बाबा तथा सर्वधर्मं मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की विशेष पूजा-अर्चना की। इस दौरान खुद चम्पालाल महाराज ने बताया कि उन्होंने बरसों पहले एक मुहिम चलाई थी, जो तब से लेकर अब तक सार्थक हो रही है। 40 साल हो चुके हैं बाबा भैरव की इस धाम पर, यहां लोगों से सिर्फ दुख-दर्द ही दूर नहीं होते, बल्कि यहां जो लोग नशा छोड़ देता है अपने जीवन में वापस कभी नशे की ओर नहीं देखता है। यहीं चमत्कार है, यहीं आस्था है जो लोगों के जीवन को बदल रही है। लोगों को असाध्य बीमारियों से बचा रही है। धाम पर हर सप्ताह नशा मुक्ति के लिए राजस्थान ही नहीं बल्कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर-प्रदेश सहित देशभर के विभिन्न हिस्सों के साथ ही कनाड़ा, अमेरिका सहित विश्वभर में रहने वाले प्रवासी भारतीय भी पहुंचते हैं। मेड़ता क्षेत्र से भी दो बसों और कई निजी गाड़ियों के जरिए लोग राजगढ़ धाम पहुंचे और नशा त्यागने का संकल्प लिया। धाम पर आए हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा भैरव, मां कालिका के दर्शन करते हुए सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा करने के पश्चात मुख्य स्थान चक्की वाले बाबा के मंदिर पर राजा रानी कल्पवृक्ष की भी परिक्रमा की। इस दौरान श्रद्धालुओं को चिमटी का वितरण भी किया गया।
घुमंतू बोर्ड अध्यक्ष योगी भी पहुंची, नशा छोड़ चुके लोगों से की मुलाकात
धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि नशा मुक्ति अभियान के तहत हुए कार्यक्रम के दौरान घुमंतू बोर्ड अध्यक्ष और राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त उर्मिला योगी भी पहुंची। इस दौरान उन्होंने खुद ने नशा छोड़ने वाले लोगों से बातचीत की और उनके जीवन में आए बदलाव को भी देखा। योगी ने बताया कि वाकई में यहां हजारों की संख्या में लोग नशा छोड़कर अपने जीवन का संवार रहे हैं। यह मैंने खुद ने देखा है। इस दौरान उन्होंने धाम पर हजारों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पुलिस-प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।
इन दो उदहारण से समझिए कि नशा छोड़ने के बाद कैसे संवरी लोगों की जिंदगियां
1. मैंने नशा छोड़ा, सैकड़ों लोगों को यहां लाकर नशा छुड़ाया, सभी को नई जिंदगी मिली
एक श्रद्धालु धर्मेंद्र ने बताया कि मैंने इस धाम पर आकर नशा छोड़ा। मैं उस बस्ती में रहता था, जहां के अधिकांश लोग नशे का कारोबार करते थे और खुद भी नशा करते थे। मैं धीरे-धीरे उन लोगों काे यहां पर लेकर आया। इस धाम के चमत्कार की बदौलत हमारी बस्ती के 80 फीसदी लोग आज नशा और नशे का कारोबार दोनों छोड़ चुके हैं। सभी ऑटो चलाते हैं और मेहनत-मजदूरी करते हैं। कई युवा तो बिजनेसमैन बन गए है। यह सब नशे की दुनियां से बाहर आने के बाद ही मुमकिन हो पाया है।
2. शराब बनाना और पीना दोनों छोड़ा, आज पूरा परिवार खुश है
एक श्रद्धालु जितेंद्र (बदला हुआ नाम) ने बताया कि मैं पहले शराब बनाता था, बेचता था और पीता था। यहां आने के बाद नशे का कारोबार और नशा दोनों छोड़ दिया। आज मैं ऑटो चलाता हूं और अपने परिवार का पालन आसानी से कर रहा हूं। पहले रोज-रोज बस्ती में पुलिस आती थी मगर अब नहीं आती, क्योंकि हमारी बस्ती के 80 फीसदी से ज्यादा लोग नशे का कारोबार छोड़कर अपना खुद का अच्छा काम करने लगे हैं, जिससे हमारी बस्ती का जीवन स्तर भी काफी हद तक बदला है।
नशा विनाश का मूल कारण, इसलिए इसे त्यागना जरूरी: महाराज
नशा मुक्ति अभियान के तहत लोगों और धाम पर आए श्रद्धालुओं को धाम के उपासक चम्पालाल महाराज ने कहा कि आज हमारे प्रदेश ही नहीं सम्पूर्ण देश को नशा मुक्त बनाने की सख्त जरूरत है, जिससे हम सबको एकजुट होकर नशे का त्याग करने का संकल्प लेना होगा। तभी नशा मुक्ति का सपना संभव होगा। नशा विनाश का मूल कारण है। इसलिए नशे का त्याग करना चाहिए। नशे के ज्यादा सेवन से दुर्घटनाओं और कैंसर जैसी बीमारियों से अधिकतर लोग असमय अकाल मृत्यु को प्राप्त होते हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं ने नारे लगाए कि- राष्ट्र और परिवार की खुशहाली की एक ही पहचान, नशा मुक्त हो हर इंसान... जैसे अनेक गगनभेदी नारे लगाए।
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