भरतपुर रुपवास भूमफियाओं ने खेतों में काट दिए प्लॉट, नगरपालिका ने डाली सड़क, हजाhai रों की जमीन करोड़ों रुपए की हो गई









भरतपुर रुपवास

  भूमफियाओं ने खेतों में काट दिए प्लॉट, नगरपालिका ने डाली सड़क, हजाhai रों की जमीन करोड़ों रुपए की हो गई 
रूपवास। शहर के आसपास भू-माफियाओंं ने खेतों को कम दामों में खरीदकर वहां प्लॉट काट दिए। फिर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके नगर पालिका से वहां सड़कें बनवाईं और बैक डेट के स्टांप पर प्लॉट बेच दिए। इस तरह कुछ ही समय में कौड़ियों की जमीन करोड़ों रुपए की हो गई। नगर पालिका अफसरों की मिलीभगत से हुए इस घोटाले की अब स्थानीय पार्षद अर्चना जाटव ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से लेकर जिला कलेक्टर तक को शिकायतें भेजी हैं। इसमें उन्होंने पूरे मामले की गहन जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। 
पार्षद अर्चना जाटव का आरोप है कि इस खेल में नगर पालिका पूरी तरह से भू-माफियाओं का साथ दे रही है, क्योंकि नगरपालिका के अफसर भी इस खेल में शामिल हैं। इसीलिए बिना नियम-कानून के पेराफेरी के नाम पर अफसरों ने न केवल चहेते ठेकेदारों से सड़कें डलवाईं बल्कि रोड़ लाइटें भी लगवा दी गई हैं। इससे इन प्लॉटों की कीमत 10 गुना तक बढ़ गयी है। 
पार्षद अर्चना जाटव का आरोप है कि जमीनों के इस खेल में नगर पालिका चेयरमैन, उपाध्यक्ष के परिजन और रूपवास कस्बे के कई सफेदपोश लोग शामिल हैं। शिकायत की कॉपी राज्यपाल कलराज मिश्र, संभागीय आयुक्त, राजस्व विभाग के अधिकारी, कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार को भी भेजी गई है। 
पार्षद अर्चना ब्रजेश ने बताया कि कस्बे में बिजलीघर के पीछे, चेंकोरा रोड, बाईपास के पास चंबल परियोजना की सड़क किनारे, सिरसोन्दा रोड, काला पठ्ठा की तरफ, भिडियानी की तरफ, रेलवे लाइन पुल के नीचे, तेज नगर रोड़ पर खेतों में बिना भू- उपयोग परिवर्तन कराए ही कृषि कॉलोनी पर आवासीय कॉलोनियां काट दी गई हैं, जो कि कानूनन गलत है। इन कॉलोनियों में ओम नगर, विनायक नगर, श्याम कुंज, लीला श्याम नगर, गणेश नगर, गायत्री नगर, श्याम नगर, गिर्राज नगर फेज 1, 2, 3 आदि हैं। बिजलीघर के पीछे अधिकांश जमीन चेंकोरा ग्राम पंचायत की है। उसमें नगरपालिका ने ग्राम पंचायत की एनओसी लिए बिना ही सड़क डाल दी है। 
शहर के लोगों में आक्रोश इसलिए है क्योंकि नगरपालिका ने कस्बे के विकास कार्यों का पैसा भू-माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए खेती की जमीनों पर काटी गई कॉलोनियों में दिया है। जबकि वहां अभी इतनी आबादी भी नहीं है। इसके विपरीत कस्बे के लोग सड़क, पानी, नाली, बिजली, पार्क, सफाई औऱ अन्य विकास कार्यों के लिए तरस रहे हैं। पार्षद अर्चना जाटव का आरोप है कि भू-माफियाओं ने बैक डेट के स्टाम्पों पर जमीन की खरीद-फरोख्त करके भूखंडधारकों को नगरपालिका से पट्टे भी दिलवा दिए हैं। इनमें कई लोगों को एक साथ 50-50 पट्टे जारी किए गए हैं। जबकि कस्बे के अनेक लोगों को 2 साल से भी ज्यादा समय से पट्टे नहीं दिए जा रहे हैं। इसलिए इस मामले की गहराई से जांच कराए जाने की जरूरत है।
जांच के बाद दोषियों पर करेंगे सख्त कार्रवाईः एसडीएम 
इस बारे में एसडीएम बाबूलाल का कहना है कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। अगर जांच में नगर पालिका दोषी हुई तो संबंधित अफसरों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही नगरपालिका और राज्य सरकार को हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए वसूली की कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी।
बैकडेट में स्टांप पेपर्स की खरीद फरोख्त की कराएंगे जांचः तहसीलदार
तहसीलदार अमित शर्मा का कहना है कि बैकडेट में हुई स्टाम्प पेपरों पर खरीद फरोख्त की राज्य सरकार से आग्रह करके डीआईजी स्टाम्प की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी। ताकि सच्चाई सामने आ सके। जांच रिपोर्ट के अनुसार संबंधित लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 
भू-माफिया सरकारी जमीन के पास खरीदते हैं खेतः 
भू-माफिया अक्सर सरकारी जमीन के आसपास खेत खरीदते हैं। फिर अपनी खरीदी जमीन को सरकारी में मिलाकर उसमें प्लाट बनाकर बिना कन्वर्जन कराए ही 20 फ़ीट का रास्ता डालकर बेचते हैं। उक्त रास्तों को सरकारी जमीन में डालते हैं ताकि विवाद हो तो प्राइवेट जमीन पर आंच न आए। इसके बाद नगरपालिका से सांठगांठ कर उन प्लॉटों के पट्टे बनवा देते हैं। पट्टों में 30 फ़ीट की रोड दर्शाते हैं। जबकि मौके पर 20 फ़ीट ही होती है। 
ग्राहकों को भू-माफिया ही उपलब्ध कराते हैं बैकडेट के स्टाम्पः
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्लॉट खरीदने वाले ग्राहकों को अक्सर भू माफिया ही बैकडेट के स्टांप उपलब्ध करवाते हैं। ये स्टांप भरतपुर से लाए जाते हैं। बैकडेट के स्टांप पेपर्स के लिए भी ग्राहकों से मोटी रकम वसूली जाती है। जबकि नियमानुसार कोई भी वेंडर बैकडेट में स्टांप पेपर नहीं बेच सकता। 
पार्षदों के खिलाफ जनता का रोष: 
नगर पालिका की मनमानी और विकास कार्यों में किए गए घोटालों को लेकर जनता में पार्षदों के खिलाफ भारी आक्रोश है। आरोप है कि नगर पालिका के द्वारा किए गए गलत कार्यों में पार्षदों की भी मिलीभगत है। आगामी जनता चुनावों में पार्षदों को इसका जवाब देने की बात लोग कह रहे हैं।

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