पेट्रोल माचिस कांग्रेस की जेब मे रहती है" संबित पात्रा।
देशकादपॅण.न्यूज: पेट्रोल-माचिस कांग्रेस की जेब में रहती है, विजयवर्गीय तो आग बुझाने वालों में से है: संबित पात्रा संबित पात्रा संबित पात्रा नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रबुद्धजन संगोष्ठी का हुआ आयोजन कहा- महात्मा गांधी के सिद्धांतों का पालन कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Desh Ka Darpan: Jan 05, 2020, नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में आयोजितसंगोष्ठी में सागर आए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने हाल की हिंसक घटनाओं काजिक्र करते हुए कहा कि आग लगाने का काम तो कांग्रेस कर रही है। पेट्रोल व माचिस कांग्रेस की जेब में रहती है। आग लगाना तो आसान है, लेकिन बुझाना कठिन होता है। ये भी पढ़े कैलाश की आग पर चली कांग्रेस की माचिस, ‘आप’ ने डाला पानी संबित पात्रा ने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर में आग लगाने संबंधी बयान पर कहा कि वे तो भाजपा की दमकल हैं। विजयवर्गीय तो आग बुझाने वाले नेताओं में आते हैं। पात्रा ने कहा कि ये बिल अधिकार देने वाला है, अधिकार छीनने वाला नहीं। जब विपक्ष इस बिल को लेकर आया था तब ममता दीदी ने समर्थन किया। लेकिन, जब हमारी सरकार इस बिल को लेकर आई है तो विरोध कर रही हैं। राहुल गांधी सीएए और एनपीआर को टैक्स बता रहे हैं। बिल में आठ संशोधन हो चुके है संबित पात्रा ने कहा कि 1956 में नागरिकता संशोधन बिल पहली बार लाया गया था। 2019 तक इस बिल में आठ संशोधन हो चुके हैं। ये नौंवा संशोधन है। उन्होंने कहा कि इस संशोधन में स्पष्ट कहा गया है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश ये हमारे पड़ोसी इस्लामिक देश है। इन तीनों इस्लामिक देशों में धर्म के नाम पर जिन अल्पसंख्यकों को प्रताड़ना दी जा रही थी और उन अल्पसंख्यकों में से जो अल्पसंख्यक 21 दिसम्बर 2014 तक हिन्दुस्तान आ गए हैं। उनको हम नागरिकता देंगे। उन्होंने कहा किइन तीनों देशों के सभी अल्पसंख्यक हिन्दु, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई जो इन देशों में धर्म के नाम पर सताए जाते हैं। हिन्दुस्तान का ये कर्तव्य बनता है कि हम उनको नागरिकता दें और इसी संशोधन के माध्यम से हम नागरिकता देने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हिन्दुस्तान का विभाजन हुआ था तोवह धर्म को आधार बनाकर इसे दो खंडों में बांटा गया था। उस समय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान राष्ट्राध्यक्ष लियाकत अली के बीच में समझौता हुआ था कि अपने राष्ट्र में जो अल्पसंख्यक हैं उनकी रक्षा करेंगे। भारत ने इस समझौते पर अमल किया लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं हुआ। यहीं कारण है कि पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर कई अल्पसंख्यक भारत आ गए। उस समय नेहरू और लियाकत अली ने जो हस्ताक्षर किया था उसे आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरा किया है। प्रबुद्धजन संगोष्ठी का संचालन संयोजक डाॅ. अनिल तिवारी और आभार जिला अध्यक्ष प्रभुदयाल पटेल ने माना। www.deshkadarpannews.com.
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