आज राजस्थान मे लाॅकडाउन का पाँचवा दिन, इसके बाद भी स्थिति मे कोई खास परिवर्तन नहीं । राजधानी जयपुर में सहायता कायॅ सिर्फ दिखावा ।
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www.deshkadarpannews.com. राजस्थान: लॉकडाउन का पांचवा दिन / भरतपुर में बाहर से आए लोगों को कालोनी में घुसने से रोका; क्वारैंटाइन की मुहर लगाकर मजदूरों को घर भेजा जा रहा लॉकडाउन के बीच मजदूरों का पलायन बड़ी समस्या बन गया है। इससे संक्रमण और फैलने की आशंका है। लॉकडाउन के बीच मजदूरों का पलायन बड़ी समस्या बन गया है। इससे संक्रमण और फैलने की आशंका है। देशकादपॅण.न्यूज, जयपुर में कोरोना मरिजो कि संख्या में कुछ हद तक कम करने में राज्य सरकार ने सफलता पाई है । भारत में सबसे पहले जयपुर का सवाई मानसिंह अस्पताल ने कोरोना मरिजो को ठिक करने में सफलता पाई है । इसके बावजूद भी जयपुर में सभी पार्टी के कार्यकर्ता या ML /MP/ पाषॅद अपने घरों में छुपे हुए है । अपने अपने क्षेत्रों का दौरा करने वाले पाटीॅ के MLA/ MP /पाषॅद अगर चाहते तो हमारे प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री को इतना जोर देना नहीं पड़ता । किसी भी तरह की सहायता हमारे नेता नहीं कर रहे । ऐसा लगता है मानो हमारा जयपुर नेताविहीन हो चुका है। आपको बता दे कि पुरे जयपुर घुमने के बाद सिर्फ दो /तीन समूह ही ऐसे थे जो राहगीरो को भीजन देते हुए मिले जिनसे पुछने पर बताया कि हम किसी पाटीॅ या संस्था से नहीं है , हम कुछ दोस्त अपने इच्छा से अपने रूपय से जो बन पड़ता है सहायता कर रहे है । रास्ते पर लोगों का समुह एक लम्बे रास्ते पर भुखे प्यासा चला जा रहा था , खाना तो छोड़ दिजीए याहा पानी पिलाने वाला कोई नहीं ,कुछ एक घर ऐसा जो राहगीरो को पानी पिला रहे थे , पूरे जयपुर में 4/5 घर ही ऐसा मिला जो घर के गेट पर खड़ा हो कर प्यासा को पानी देने रहा था । सरकार के तरफ से कोई खाने पिने कि व्यवस्था नहीं कि गई है। जयपुर के किसी के घर में किसी भी संस्था या पाटीॅ के तरफ से कोई पुछने नहीं पहुँचा है कि आपके पास खाने के लिए कुछ है या नहीं सिफॅ Tv channel या सामाचार पत्रों के माध्यम से लोगों को भ्रमित किया जा रहा है कि सहायता कर रही है । जयपुर के किसी भी मकान मालिकों से कोई पुछने वाला नही है लोगों को क्यों निकाल रहे हो ,कुछ मकान मालिक ऐसे भी है जो गरीब मजदूरों को घर से बाहर निकलने को मजबूर कर रहे है । इस संकट की घड़ी में सिर्फ दो समुह है जो जयपुर को बचाये हुए है, पहला डाॅक्टर और दुशरा पुलिस ,आप इन्हें भगवान भी कहे तो भगवान का अपमान नही होगा । जयपुर को इन दो समुहो ने बचा रखा है। खाने पिने के समान का दाम बढ़ा हुआ है कूछ व्यापारीयो ने इन्हें कमाने का अच्छा मौका समझ रखा है । जयपुर पुलिस कुछ स्थानों पर गरीब राहगिरो को भोजन अपने पैसे से करा रही है, 28 मार्च को राजस्थान सरकार ने अपने घरों को पैदल जा रहे लोगों के लिए रोडवेज बसों कि व्यवस्था कि है, लेकिन सरकार के पास इस बात कि जांच कि व्यवस्था नहीं है कि जो लोग बस में जा रहे वे कोरोना संक्रमित है या नहीं ,एक भी कोरोना पोजेटिभ रहा तो बस में सफर कर रहे सभी संक्रमित हो जाएंगे इसके बावजूद सरकार ने सभी को एक साथ बिना जांच किए बसों में भेज रही है ।रोडवेज के अधिकारियों से पुछने पर उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसा कोई आदेश नहीं है। Airpot को छोड़ दे तो पुरे जयपुर में सिर्फ पुलिस कमिश्नर अफिस मे कोरोना ग्रसित व्यक्ति का तापमान जांचने का यंत्र देखने को मिला । देशकादपॅण.न्यूज, जयपुर में खाटु श्याम के मेले में भंडारा लगाने वाले वे लोग जो पेट भरे हुए लोगों को भोजन कराते हुए आपने संस्थान का प्रचार करते रहते थे आज ना जाने क्यों घरों में छुपे हुए है। राजस्थान भाजपा कायाॅलय के सामने कुछ राहगिरो को भोजन दिया गया जिसे आप सिर्फ दिखावा कह सकते है क्योंकि देश की सबसे बड़ी पार्टी BJP कुछ लोगों को भोजन करा कर अपने जिम्मेदारी से मुक्त होना चहती है जिन्हें देश कि जनता कैसे मान पायेगी। BJP कि छोड़ कांग्रेस कायाॅलय कि बात करे याहा ऐसी कोई व्यवस्था देखने को नहीं मिली कायाॅलय पर सम्पर्क करने पर कहा गया कि हमारे सारे नेता घर से सहायता कर रहे है लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला ।हमारे प्रधान मंत्री मोदी और मुख्य मंत्री अशोक गहलोत या उप मुख्यमंत्री संचीन पायलट द्वारा किया जा रहा कोशिश पुरी तरह कामयाब नहीं हो पा रहा है। यह सच है कि राजस्थान सरकार मरीजों के लिए बेहतर व्यवस्था करने में सफलता पाई है । लेकिन हालात ऐसा ही रहा तो भुख से मरने कि नौबत आ सकती है। कुछ सरकारी बैंकों ने लोन के अच्छी स्कीम की बात कही है लेकिन बैंक उन लोगों ही लोन देती है जिनकी स्थिति बहुत अच्छी है या फिर सरकारी नौकरी है।ऐसे लोगों के लिए कोई परेशानी नहीं है क्योंकि याहा जरूरत कि सभी समान उपलब्ध है।याहा परेशानी सिर्फ उन्हें है जो रोज कमाते और खाते है। ऐसा मे बैंक के लोन वाली स्कीम परेशान लोगों के काम किया नही है । लोग अपने घरों में डरे हुए है उनको इस बात कि चिंता है कि कहीं यह लाकॅडाउन और आगे बढता है तो क्या होगा । इस बिच यह सकुन देने वाली खबर है कि लोग अपने घरों में बंद पड़े हैं जिससे इस कोरोना महामारी के फैलाव में तेजी पर रोक लगी है। हमें अगर इस माहामारी से को हराना है तो हमें हर परेशानीयों के बाद भी घर में बंद रहना होगा ताकि हमारे बच्चे और हमारे अपने सही सलामत रहे। देशकादपॅण.न्यूज, राजस्थान में कोरोना संक्रमण के अब तक 55 मामले आ चुके हैं, इनमें से 25 मामले भीलवाड़ा के हैं मजदूरों का पलायन अब सरकार के सामने बड़ी चुुनौती है, इससे लॉकडाउन का मकसद फेल होने की आशंका है देशकादपॅण.न्यूज, Mar 29, 2020, जयपुर. कोरोनावायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के दिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। राजस्थान में मजदूरों का पलायन बड़ी समस्या बना हुआ है। मजदूरों के सामने रोटी का संकट खड़ा हो गया है और वह हर-हाल में अपने गांव लौटना चाहते हैं।दूसरे राज्यों से भी मजदूर राजस्थान लौट रहे हैं। ऐसे में लॉकडाउन का मकसद पूरा होना मुश्किल लग रहा है। सरकार बाहर जाने वाले मजदूरों की जांच की खानापूर्ति कर रही है। वहीं, बाहर से आने वाले मजदूरों के हाथों में क्वारैंटाइन की मुहर लगाकर उन्हें घर के नजदीक तक पहुंचायाजा रहा है। संक्रमण का डर भीलोगों में बढ़ता जा रहा है। भरतपुर में जोधपुर से आए दो लोगों को कॉलोनी में घुसने नहीं दिया गया। कालोनी के लोगों ने सुबह फोन करके कंट्रोल रूम को सूचना दे दी। इसके बाद प्रशासन नेउन्हें जांच के लिए अस्पताल भेज।राजस्थान में रविवार सुबह तक संक्रमितों का आंकड़ा 55 पहुंच गया है। इनमें 25 भीलवाड़ा के हैं। भरतपुर में जोधपुर से आए युवकों को अस्पताल भेजा गया। ईरान से 284 भारतीय नागरिकों को लाया गया जोधपुर कोरोना प्रभावित ईरान में फंसे 284 भारतीय नागरिकों को दिल्ली से लेकर दो विशेष विमान रविवार सुबह जोधपुर पहुंचे। चार दिन पहलेईरान से 277 भारतीय नागरिकों को भी जोधपुर लाया गया था। सभी लोगों की एयरपोर्ट पर सेना के डॉक्टरोंने जांच की। इन सभी को सैन्य क्षेत्र में सेना की तरफ से बनाए गए वेलनेस सेंटर में भेज दिया गया है। इस तरह अब शहर में सेना के वेलनेस सेंटर में भारतीय नागरिकों की संख्या बढ़कर 561 हो गई है। इससे पूर्व जैसलमेर में 484 भारतीय नागरिकों को रखा जा रहा है। ईरान से आए भारतीयों को सेना के सेंटर पर रखा जाएगा। बूंदी मेंराशन लेते वक्त दिखी सोशल डिस्टेंसिंग कोटा के पासबूंदी में रविवार सुबह राशन की दुकान पर लोगों की लंबी लाइन नजर आई। इस दौरान लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते दिखे। लॉकडाउन के दिन बीतने के साथ ही अब दुकानों में राशन का सामान कम पड़ना शुरू हो गया है। प्रशासन कालाबजारी रोकने के दावे कर रहा है। लेकिन, हकीकत इससे परे है। बूंदी में राशन लेने पहुंचे लोग। सीकर में अस्थियों को कलश से मुक्ति का इंतजार लॉकडाउन के कारण ट्रांसपोर्टेशन के सारे साधन बंद हैं। ऐसे में कलश में अस्थियां भी मोक्ष का इंतजार कर रही हैं। लॉकडाउन होने के कारण लोग परिजनों की अस्थियां गंगा में प्रवाहित नहीं कर पा रहे हैं। परिजनों ने घर के अंदर या फिर मंदिर या श्मशान घाट में अस्थि कलश रख दिए हैं, ताकि व्यवस्थाएं सुचारू होने पर इनका विसर्जन हरिद्वार या पुष्कर में करके आ सकें। सीकर कलश में अस्थियां मोक्ष के इंतजार में। पाली की फैक्ट्रियाें में फंसे 1300 से ज्यादा श्रमिक, प्रशासन ने घर भेजा पाली की फैक्ट्रियों के मजदूर लॉकडाउन के बाद यहां पर एक मिनट भी नहीं रुकना चाह रहे हैं। वे दो दिन से अपने गांव जाने की जिद पर अड़े थे। इसको लेकर शनिवार को जिला प्रशासन हरकत में आया औरऐसे करीब 1300 श्रमिकों को नया बस स्टैंड पर बुलाकर मेडिकल टीम से स्क्रीनिंग कराई। इसके बाद रोडवेज बस से इन्हें रवाना किया गया। बसों को भी पहले हाइपो क्लोराइड से धुलवाया गया। उधर,धौलपुर में दिन रात सैकड़ों किलोमीटर पदयात्रा कर मजदूर घर पहुंच रहे हैं। उनके साथ छोटे बच्चे महिलाएं भी हैं। उनसे पूछने पर बताते हैं कि कोई दिल्ली से कोईटीकमगढ़, कोई आगरा से तो कोई ग्वालियर से सैकड़ों किलोमीटर चलकर यहां पहुंचा है। पाली में मजदूरों की मेडिकल जांच करके घर भेजा गया है। राजस्थान में करीब 10 हजार वेंटिलेटर की जरूरत: गहलोत देशभर में कोरोना संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की एक मीटिंग ली। इसमें मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोरोनाके व्यापक संक्रमण को रोकने के लिए आने वाले समय में राजस्थान में करीब 10 हजार वेंटिलेटर और ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किट की जरूरत पड़ेगी। कल शुरू की थी बस सेवा, मजदूरों को घर तक पहुंचाएगी लॉकडाउन के चौथे दिन यानी शनिवार कोउत्तरप्रदेशसे राजस्थान और राजस्थान से उत्तरप्रदेशकेशहरों में जाने के लिए रोडवेज ने बस सेवा शुरू कर दी है। भरतपुर डिपो की बस को सैनिटाइज करने के बाद उत्तरप्रदेशबॉर्डर पर खड़ा किया गया। यहीं से उत्तरप्रदेशसे आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग कर बस में बैठाकर जयपुर भेजा जा रहा है। राजस्थान में भीलवाड़ा कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा खतरा भीलवाड़ा में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा 25 मामले मिले हैं। जयपुर में 10, झुंझुनूं में 6, जोधपुर में 6, प्रतापगढ़ में 2, डूंगरपुर में 2, अजमेर, पाली, सीकर और चूरू में एक-एक संक्रमित मिला है। डूंगरपुर में 48 साल काव्यक्ति और उसका14 साल का बेटा संक्रमित पाया गया है। दोनों 25 मार्च को बाइक सेइंदौर से डूंगरपुर पहुंचे थे। इसके बाद 26 मार्च को अस्पताल में भर्ती करवाए गए। चूरू में 60 साल की एक महिला पॉजिटिव मिली है। वहीं जयपुर में 47 साल का व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया है। जो रामगंज में एक दिन पहले पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के संपर्क में आया था। तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। भीलवाड़ा के कलेक्टर आर भट्ट ने कहा कि जरूरत पड़ने पर हम 15 हजार लोगों को क्वारैंटाइन कर सकते हैं। www.deshkadarpannews.com.
www.deshkadarpannews.com. राजस्थान: लॉकडाउन का पांचवा दिन / भरतपुर में बाहर से आए लोगों को कालोनी में घुसने से रोका; क्वारैंटाइन की मुहर लगाकर मजदूरों को घर भेजा जा रहा लॉकडाउन के बीच मजदूरों का पलायन बड़ी समस्या बन गया है। इससे संक्रमण और फैलने की आशंका है। लॉकडाउन के बीच मजदूरों का पलायन बड़ी समस्या बन गया है। इससे संक्रमण और फैलने की आशंका है। देशकादपॅण.न्यूज, जयपुर में कोरोना मरिजो कि संख्या में कुछ हद तक कम करने में राज्य सरकार ने सफलता पाई है । भारत में सबसे पहले जयपुर का सवाई मानसिंह अस्पताल ने कोरोना मरिजो को ठिक करने में सफलता पाई है । इसके बावजूद भी जयपुर में सभी पार्टी के कार्यकर्ता या ML /MP/ पाषॅद अपने घरों में छुपे हुए है । अपने अपने क्षेत्रों का दौरा करने वाले पाटीॅ के MLA/ MP /पाषॅद अगर चाहते तो हमारे प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री को इतना जोर देना नहीं पड़ता । किसी भी तरह की सहायता हमारे नेता नहीं कर रहे । ऐसा लगता है मानो हमारा जयपुर नेताविहीन हो चुका है। आपको बता दे कि पुरे जयपुर घुमने के बाद सिर्फ दो /तीन समूह ही ऐसे थे जो राहगीरो को भीजन देते हुए मिले जिनसे पुछने पर बताया कि हम किसी पाटीॅ या संस्था से नहीं है , हम कुछ दोस्त अपने इच्छा से अपने रूपय से जो बन पड़ता है सहायता कर रहे है । रास्ते पर लोगों का समुह एक लम्बे रास्ते पर भुखे प्यासा चला जा रहा था , खाना तो छोड़ दिजीए याहा पानी पिलाने वाला कोई नहीं ,कुछ एक घर ऐसा जो राहगीरो को पानी पिला रहे थे , पूरे जयपुर में 4/5 घर ही ऐसा मिला जो घर के गेट पर खड़ा हो कर प्यासा को पानी देने रहा था । सरकार के तरफ से कोई खाने पिने कि व्यवस्था नहीं कि गई है। जयपुर के किसी के घर में किसी भी संस्था या पाटीॅ के तरफ से कोई पुछने नहीं पहुँचा है कि आपके पास खाने के लिए कुछ है या नहीं सिफॅ Tv channel या सामाचार पत्रों के माध्यम से लोगों को भ्रमित किया जा रहा है कि सहायता कर रही है । जयपुर के किसी भी मकान मालिकों से कोई पुछने वाला नही है लोगों को क्यों निकाल रहे हो ,कुछ मकान मालिक ऐसे भी है जो गरीब मजदूरों को घर से बाहर निकलने को मजबूर कर रहे है । इस संकट की घड़ी में सिर्फ दो समुह है जो जयपुर को बचाये हुए है, पहला डाॅक्टर और दुशरा पुलिस ,आप इन्हें भगवान भी कहे तो भगवान का अपमान नही होगा । जयपुर को इन दो समुहो ने बचा रखा है। खाने पिने के समान का दाम बढ़ा हुआ है कूछ व्यापारीयो ने इन्हें कमाने का अच्छा मौका समझ रखा है । जयपुर पुलिस कुछ स्थानों पर गरीब राहगिरो को भोजन अपने पैसे से करा रही है, 28 मार्च को राजस्थान सरकार ने अपने घरों को पैदल जा रहे लोगों के लिए रोडवेज बसों कि व्यवस्था कि है, लेकिन सरकार के पास इस बात कि जांच कि व्यवस्था नहीं है कि जो लोग बस में जा रहे वे कोरोना संक्रमित है या नहीं ,एक भी कोरोना पोजेटिभ रहा तो बस में सफर कर रहे सभी संक्रमित हो जाएंगे इसके बावजूद सरकार ने सभी को एक साथ बिना जांच किए बसों में भेज रही है ।रोडवेज के अधिकारियों से पुछने पर उन्होंने कहा कि हमारे पास ऐसा कोई आदेश नहीं है। Airpot को छोड़ दे तो पुरे जयपुर में सिर्फ पुलिस कमिश्नर अफिस मे कोरोना ग्रसित व्यक्ति का तापमान जांचने का यंत्र देखने को मिला । देशकादपॅण.न्यूज, जयपुर में खाटु श्याम के मेले में भंडारा लगाने वाले वे लोग जो पेट भरे हुए लोगों को भोजन कराते हुए आपने संस्थान का प्रचार करते रहते थे आज ना जाने क्यों घरों में छुपे हुए है। राजस्थान भाजपा कायाॅलय के सामने कुछ राहगिरो को भोजन दिया गया जिसे आप सिर्फ दिखावा कह सकते है क्योंकि देश की सबसे बड़ी पार्टी BJP कुछ लोगों को भोजन करा कर अपने जिम्मेदारी से मुक्त होना चहती है जिन्हें देश कि जनता कैसे मान पायेगी। BJP कि छोड़ कांग्रेस कायाॅलय कि बात करे याहा ऐसी कोई व्यवस्था देखने को नहीं मिली कायाॅलय पर सम्पर्क करने पर कहा गया कि हमारे सारे नेता घर से सहायता कर रहे है लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला ।हमारे प्रधान मंत्री मोदी और मुख्य मंत्री अशोक गहलोत या उप मुख्यमंत्री संचीन पायलट द्वारा किया जा रहा कोशिश पुरी तरह कामयाब नहीं हो पा रहा है। यह सच है कि राजस्थान सरकार मरीजों के लिए बेहतर व्यवस्था करने में सफलता पाई है । लेकिन हालात ऐसा ही रहा तो भुख से मरने कि नौबत आ सकती है। कुछ सरकारी बैंकों ने लोन के अच्छी स्कीम की बात कही है लेकिन बैंक उन लोगों ही लोन देती है जिनकी स्थिति बहुत अच्छी है या फिर सरकारी नौकरी है।ऐसे लोगों के लिए कोई परेशानी नहीं है क्योंकि याहा जरूरत कि सभी समान उपलब्ध है।याहा परेशानी सिर्फ उन्हें है जो रोज कमाते और खाते है। ऐसा मे बैंक के लोन वाली स्कीम परेशान लोगों के काम किया नही है । लोग अपने घरों में डरे हुए है उनको इस बात कि चिंता है कि कहीं यह लाकॅडाउन और आगे बढता है तो क्या होगा । इस बिच यह सकुन देने वाली खबर है कि लोग अपने घरों में बंद पड़े हैं जिससे इस कोरोना महामारी के फैलाव में तेजी पर रोक लगी है। हमें अगर इस माहामारी से को हराना है तो हमें हर परेशानीयों के बाद भी घर में बंद रहना होगा ताकि हमारे बच्चे और हमारे अपने सही सलामत रहे। देशकादपॅण.न्यूज, राजस्थान में कोरोना संक्रमण के अब तक 55 मामले आ चुके हैं, इनमें से 25 मामले भीलवाड़ा के हैं मजदूरों का पलायन अब सरकार के सामने बड़ी चुुनौती है, इससे लॉकडाउन का मकसद फेल होने की आशंका है देशकादपॅण.न्यूज, Mar 29, 2020, जयपुर. कोरोनावायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के दिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन है। राजस्थान में मजदूरों का पलायन बड़ी समस्या बना हुआ है। मजदूरों के सामने रोटी का संकट खड़ा हो गया है और वह हर-हाल में अपने गांव लौटना चाहते हैं।दूसरे राज्यों से भी मजदूर राजस्थान लौट रहे हैं। ऐसे में लॉकडाउन का मकसद पूरा होना मुश्किल लग रहा है। सरकार बाहर जाने वाले मजदूरों की जांच की खानापूर्ति कर रही है। वहीं, बाहर से आने वाले मजदूरों के हाथों में क्वारैंटाइन की मुहर लगाकर उन्हें घर के नजदीक तक पहुंचायाजा रहा है। संक्रमण का डर भीलोगों में बढ़ता जा रहा है। भरतपुर में जोधपुर से आए दो लोगों को कॉलोनी में घुसने नहीं दिया गया। कालोनी के लोगों ने सुबह फोन करके कंट्रोल रूम को सूचना दे दी। इसके बाद प्रशासन नेउन्हें जांच के लिए अस्पताल भेज।राजस्थान में रविवार सुबह तक संक्रमितों का आंकड़ा 55 पहुंच गया है। इनमें 25 भीलवाड़ा के हैं। भरतपुर में जोधपुर से आए युवकों को अस्पताल भेजा गया। ईरान से 284 भारतीय नागरिकों को लाया गया जोधपुर कोरोना प्रभावित ईरान में फंसे 284 भारतीय नागरिकों को दिल्ली से लेकर दो विशेष विमान रविवार सुबह जोधपुर पहुंचे। चार दिन पहलेईरान से 277 भारतीय नागरिकों को भी जोधपुर लाया गया था। सभी लोगों की एयरपोर्ट पर सेना के डॉक्टरोंने जांच की। इन सभी को सैन्य क्षेत्र में सेना की तरफ से बनाए गए वेलनेस सेंटर में भेज दिया गया है। इस तरह अब शहर में सेना के वेलनेस सेंटर में भारतीय नागरिकों की संख्या बढ़कर 561 हो गई है। इससे पूर्व जैसलमेर में 484 भारतीय नागरिकों को रखा जा रहा है। ईरान से आए भारतीयों को सेना के सेंटर पर रखा जाएगा। बूंदी मेंराशन लेते वक्त दिखी सोशल डिस्टेंसिंग कोटा के पासबूंदी में रविवार सुबह राशन की दुकान पर लोगों की लंबी लाइन नजर आई। इस दौरान लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते दिखे। लॉकडाउन के दिन बीतने के साथ ही अब दुकानों में राशन का सामान कम पड़ना शुरू हो गया है। प्रशासन कालाबजारी रोकने के दावे कर रहा है। लेकिन, हकीकत इससे परे है। बूंदी में राशन लेने पहुंचे लोग। सीकर में अस्थियों को कलश से मुक्ति का इंतजार लॉकडाउन के कारण ट्रांसपोर्टेशन के सारे साधन बंद हैं। ऐसे में कलश में अस्थियां भी मोक्ष का इंतजार कर रही हैं। लॉकडाउन होने के कारण लोग परिजनों की अस्थियां गंगा में प्रवाहित नहीं कर पा रहे हैं। परिजनों ने घर के अंदर या फिर मंदिर या श्मशान घाट में अस्थि कलश रख दिए हैं, ताकि व्यवस्थाएं सुचारू होने पर इनका विसर्जन हरिद्वार या पुष्कर में करके आ सकें। सीकर कलश में अस्थियां मोक्ष के इंतजार में। पाली की फैक्ट्रियाें में फंसे 1300 से ज्यादा श्रमिक, प्रशासन ने घर भेजा पाली की फैक्ट्रियों के मजदूर लॉकडाउन के बाद यहां पर एक मिनट भी नहीं रुकना चाह रहे हैं। वे दो दिन से अपने गांव जाने की जिद पर अड़े थे। इसको लेकर शनिवार को जिला प्रशासन हरकत में आया औरऐसे करीब 1300 श्रमिकों को नया बस स्टैंड पर बुलाकर मेडिकल टीम से स्क्रीनिंग कराई। इसके बाद रोडवेज बस से इन्हें रवाना किया गया। बसों को भी पहले हाइपो क्लोराइड से धुलवाया गया। उधर,धौलपुर में दिन रात सैकड़ों किलोमीटर पदयात्रा कर मजदूर घर पहुंच रहे हैं। उनके साथ छोटे बच्चे महिलाएं भी हैं। उनसे पूछने पर बताते हैं कि कोई दिल्ली से कोईटीकमगढ़, कोई आगरा से तो कोई ग्वालियर से सैकड़ों किलोमीटर चलकर यहां पहुंचा है। पाली में मजदूरों की मेडिकल जांच करके घर भेजा गया है। राजस्थान में करीब 10 हजार वेंटिलेटर की जरूरत: गहलोत देशभर में कोरोना संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की एक मीटिंग ली। इसमें मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोरोनाके व्यापक संक्रमण को रोकने के लिए आने वाले समय में राजस्थान में करीब 10 हजार वेंटिलेटर और ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किट की जरूरत पड़ेगी। कल शुरू की थी बस सेवा, मजदूरों को घर तक पहुंचाएगी लॉकडाउन के चौथे दिन यानी शनिवार कोउत्तरप्रदेशसे राजस्थान और राजस्थान से उत्तरप्रदेशकेशहरों में जाने के लिए रोडवेज ने बस सेवा शुरू कर दी है। भरतपुर डिपो की बस को सैनिटाइज करने के बाद उत्तरप्रदेशबॉर्डर पर खड़ा किया गया। यहीं से उत्तरप्रदेशसे आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग कर बस में बैठाकर जयपुर भेजा जा रहा है। राजस्थान में भीलवाड़ा कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा खतरा भीलवाड़ा में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा 25 मामले मिले हैं। जयपुर में 10, झुंझुनूं में 6, जोधपुर में 6, प्रतापगढ़ में 2, डूंगरपुर में 2, अजमेर, पाली, सीकर और चूरू में एक-एक संक्रमित मिला है। डूंगरपुर में 48 साल काव्यक्ति और उसका14 साल का बेटा संक्रमित पाया गया है। दोनों 25 मार्च को बाइक सेइंदौर से डूंगरपुर पहुंचे थे। इसके बाद 26 मार्च को अस्पताल में भर्ती करवाए गए। चूरू में 60 साल की एक महिला पॉजिटिव मिली है। वहीं जयपुर में 47 साल का व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया है। जो रामगंज में एक दिन पहले पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति के संपर्क में आया था। तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। भीलवाड़ा के कलेक्टर आर भट्ट ने कहा कि जरूरत पड़ने पर हम 15 हजार लोगों को क्वारैंटाइन कर सकते 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