सचिन पायलट बोले, मेरी जफर से नहीं हुई मुलाकात ।


www.deshkadarpannews.com.
         क्या अफवाह फैला कर मध्यप्रदेश जैसा खेल खेलना चाहती है BJP .                       Rajasthan: सचिन पायलट बोले, मेरी जफर इस्लाम से नहीं हुई मुलाकात ।देशकादपॅण.न्यूज        जयपुर। Sachin Pilot. राजस्थान के उप मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने खुद की भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जफर इस्लाम से मुलाकात की चर्चाओं को केवल अफवाह करार देते हुए कहा कि मेरी उनसे कोई मुलाकात नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जफर इस्लाम से मेरी किसी भी तरह की मुलाकात नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्यसभा की दोंनों सीटों पर चुनाव जीतेगी। केवल अफवाह फैलाई जा रही है कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को परेशानी होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास राज्यसभा की दोनों सीटें जीतने को लेकर बहुमत है। उल्लेखनीय है कि पिछले दो दिन से पायलट और इस्लाम की मुलाकात को लेकर चर्चा राजनीतिक गलियारों में चल रही है। पायलट ने शनिवार को इन्हे गलत बताया है। मध्य प्रदेश में हुए राजनीतिक घटनाक्रम के सूत्रधारों में जफर इस्लाम शामिल रहे हैं। जफर इस्लाम ने ही पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से पहली बात मुलाकात कराई थी। इसके बाद उन्होंने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सिंधिया की मुलाकात तय की थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया जब अमित शाह के साथ पीएम से मिलने गए थे तो जफर इस्लाम उनके साथ थे।  राजस्थान में भी विधायकों को मिल सकता है 'रिसॉर्ट' सुख राजस्थान की तीन राज्यसभा सीटों पर चुनाव की स्थिति बनने के बाद अब यहां के विधायकों को भी 'रिसॉर्ट' यात्रा का सुख मिल सकता है। विधायकों को मतदान का प्रशिक्षण देने के नाम पर सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा अपने-अपने विधायकों की घेराबंदी की तैयारी कर रही हैं। राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों पर चार प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी तथा भाजपा के राजेंद्र गहलोत और ओंकार सिंह लखावत हैं। लखावत ने अंतिम समय में पर्चा भरा था और इसके चलते ही चुनाव की स्थिति बनी है, अन्यथा संख्याबल के हिसाब से दो सीट पर कांग्रेस और एक पर भाजपा के प्रत्याशी का निर्विरोध निर्वाचन हो सकता था। अब मतदान की नौबत आने के कारण क्रॉस वोटिंग से बचने दोनों दलों को ही अपने विधायकों को संभालने की जरूरत पड़ गई है। दोनों ही दलों में मिलाकर करीब 50 ऐसे विधायक हैं,जो नए हैं और राज्यसभा के मतदान की प्रक्रिया नहीं जानते हैं। ऐसे में दोनों दल विधायकों को प्रशिक्षण देने के नाम पर चुनाव से पहले विधायकों को अपनी-अपनी घेराबंदी में रखने की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह घेराबंदी 23 या 24 मार्च से हो सकती है। हालांकि दोनों दलों ने अभी यह तय नहीं किया है कि विधायकों को कहां ठहराया जाएगा, लेकिन यह तय है कि चुनाव में मतदान के लिए इन विधायकों को एक साथ लाया जाएगा। सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी इस बारे में पहले ही संकेत दे चुके हैं। वहीं भाजपा भी इसकी तैयारी कर रही है। संख्या बल के हिसाब से विधानसभा की कुल 200 सीटों में से कांग्रेस के पास अपने 100 विधायक हैं। गठबंधन में चुनाव लड़ने के कारण एक विधायक राष्ट्रीय लोकदल से और हाल में कांग्रेस में शामिल हुए बसपा के छह विधायक हैं। इस तरह कुल 107 विधायक हैं। वहीं भाजपा के पास अपने 72 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायक सहित कुल 75 विधायक हैं। शेष बचे विधायकों में माकपा, बीटीपी और निर्दलीय विधायक हैं। विधायकों की घेराबंदी में इस बात पर भी नजर रहेगी कि निर्दलीय विधायक किस दल की घेराबंदी में नजर आते हैं और किस पार्टी के विधायकों के साथ मतदान के लिए पहुंचते हैं।                                      www.deshkadarpannews.com         

Comments

Popular posts from this blog

रानोली गणगौर स्टेडियम में दों दिवसीय गणगौर मेले का आगाज...* *पंचायत प्रसाशन की और से लगाऐं गए सीसीटीवी कैमरे...*

मण्डल रेल प्रबन्धक ने मंडलीय अधिकारियों संग किया बनारस - प्रयागराज रामबाग रेल खण्ड का विन्डो ट्रेलिंग निरीक्षण , दिए दिशा-निर्देश

उत्तर प्रदेश न्यूज़, मऊ में टीएसी टीम ने परखी सड़क निर्माण की गुणवत्ता