जयपुर के चांदपोल सरोज सिनेमा में चल रहा अवैध निर्माण (construction )को अधिकारी रोकने में नाकाम*
सरकार के बदलने के बाद भी अवैध निर्माण का काम जयपुर में धरले से चल रहा है, भू माफियाओं ने आतंक बना रखा है लोगों को अधिकारियों से शिकायत करने में डर लगा रहता, है, शिकायत करने पर लोगों के साथ मारपीट किया जाता है कई बार शिकायतकर्ता के हाथ पैर तोड़ दिए गए अब तो हालत यह है कि लोग शिकायत करने में डरते हैं, अवैध निर्माण का कारोबार स्थानीय नेता एवं अधिकारियों की जानकारी में तथा सहयोग से हो रहा है, शिकायतकर्ता को धमका के या पैसे का लालच देकर रोक दिया जाता है, लोग अपने जीवन भर की कमाई इकट्ठा करके मकान दुकान या रहने के लिए घर लेते हैं, ऐसे में कई व्यक्ति ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी पुरानी संपत्ति को बेचकर दुकान मकान या रहने के लिए घर लिया है, इस घर में कुछ साल रहने के बाद जेडीए कर्मचारी या नगर निगम कर्मचारी यह बोलकर खाली कर लेते हैं कि यह अवैध निर्माण है, जबकि जबकि इसके निर्माण में अधिकारियों एवं स्थानीय नेता का सहयोग रहता है उनके जानकारी में यह कारोबार होता है पर वह उसे वक्त नहीं बोलते जब यह बन रहा होता है, इस प्रकार भोली भाली जनता को रोते हुए अपना घर छोड़ना पड़ता है, ऐसा ही अवैध निर्माण सरोज सिनेमा में चल रहा है कुछ स्थानीय लोगों का कहना है यह निर्माण स्थानीय पार्षद पति की देखरेख में चल रहा है कुछ लोगों का यह कहना है कि इसमें पार्षद पति पार्टनर है स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि पार्षद पति आसपास बंद है अवैध निर्माण में मोटी कमाई कर रहे हैं, आपको बता दे कि यहां पार्षद एक महिला है जो सिर्फ नाम की पार्षद है सारा काम उनके पति ही देखते हैं, सरकार ने जब महिलाओं यह जिम्मेदारी देने की सोची होगी, तो उन्हें यह पता नहीं होगा की पुरुष प्रधान समाज में महिला पार्षद को उनके पति स्वतंत्र होकर काम करने का निर्णय नहीं लेने देंगे, आजकल हर सरकारी काम में पार्षद पति ही क्यों देखने को मिलते हैं, नगर निगम अधिकारी को सूचना देने पर नगर निगम अधिकारी ने इस अवैध निर्माण को रोकने का आदेश दिया है उसके बाद भी निर्माण नहीं की सूचना मिल रही है,
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