200 घरों के गाँव मे लोग को पढाई से ज्यादा फुटबॉल से मिली है नौकरी ।
देशकादपॅण.न्यूज; 200 घरों वाला गांव, यहां पढ़ाई से ज्यादा फुटबॉल से नौकरी मिलती है; लोग इसको पूजते हैं उदयपुर का फुटबॉल विलेज जावर माइंस। उदयपुर का फुटबॉल विलेज जावर माइंस। जावर माइंस गांव का मोहन कुमार मंगलम फुटबॉल टूर्नामेंट राजस्थान का सबसे बड़ाआयोजन है फाइनल मुकाबले में रविवार को सिख रेजिमेंट जालंधर ने एयरफोर्स दिल्ली को 2-0 से हराया । देशकादपॅण.न्यूज ; Feb 03, 2020, उदयपुर .उदयपुर का फुटबॉल विलेज जावर माइंस।रविवार को यहां खेले गएफाइनल मुकाबले मेंसिख रेजिमेंट जालंधर ने एयरफोर्स दिल्ली को 2-0 से हराया। जावर मेंदेश की सबसे बड़ी जिंक खदानें हैं,लेकिनइस आदिवासी गांव की पहचान यहां के अनूठे मोहन कुमार मंगलम फुटबॉल टूर्नामेंट से है, जिसे जिंक माइंस के मजदूर पिछले 42 साल से करवा रहे हैं। यहां पढ़ाई से ज्यादा फुटबॉल खेलकर लोगों को नौकरी मिलती है। यहां के 170 से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जो कभी इस टूर्नामेंट में खेले। अब सरकारी नौकरी में हैं। कोई स्कूल में पीटीआई है तो कोई सब इंस्पेक्टर। ग्रामीण बताते हैं- यहां फुटबॉल के अलावा कोई खेल नहीं खेला जाता। घरों में लोग फुटबॉल की पूजा करते हैं। यहां के खिलाड़ी भारतीय फुटबॉल टीम में कप्तान रहे गांव के टूर्नामेंट से ही उभरने वाले कई खिलाड़ी भारतीय फुटबॉल टीम में कप्तान भी रह चुके हैं। खास बात यह है कि कभी गांव में 6 लोग पंचर फुटबॉल प्रैक्टिस करते थे। लेकिन अब एयरफोर्स, रेलवे, बैंक, पुलिस सहित सभी राज्यों की टीमें आती हैं। 30 गांव के हजारों लोग मैच देखने आते हैं जावर गांव में 200 घर हैं। लेकिन फुटबॉल मैच देखने के लिए 30 से ज्यादा गांवों के हजारों लोग जुटते हैं। स्टेडियम भर जाने के बाद इसके पास की पहाड़ी भी दर्शकों से भर जाती है। 80 साल की कानूबाई बताती हैं कि स्टेडियम में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं और बच्चे पहुंचते हैं। मैच के दौरान महिलाएं हर किक पर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ातबढ़ाती है www.deshkadarpannews.com.

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