राजस्थान मुख्यमंत्री ने कहा अगर NPR लागु होता है तो सबसे पहले मुझे डिटेंशन सेंटर जान पड़ेगा ।


 wwe.deshkadarpannews.com.     राजस्थान सीएम बोले- मुझे अपने माता-पिता के जन्मस्थान का पता नहीं, NPR लागू हुआ तो सबसे पहले डिटेंशन सेंटर भेजा जाउंगा सीएम ने कहा कि अन्य लोगों की तरह ही उनके पास भी अपने माता-पिता के जन्मस्थान की जानकारी नहीं है ऐसे में उन्हें भी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।    देशकादपॅण.न्यूज  | Updated: February 16, 2020 ।                                                  राजस्थान सीएम बोले- मुझे अपने माता-पिता के जन्मस्थान का पता नहीं, NPR लागू हुआ तो सबसे पहले डिटेंशन सेंटर भेजा जाउंगा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत।  राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अगर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) लागू हुआ तो सबसे पहले उन्हें ही डिटेंशन सेंटर जाना पड़ेगा। गहलोत ने मोदी सरकार से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) भी वापस लेने को कहा है। सीएम ने कहा कि अन्य लोगों की तरह ही उनके पास भी अपने माता-पिता के जन्मस्थान की जानकारी नहीं है ऐसे में उन्हें भी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।                                     सीएम शुक्रवार को जयपुर में शहीद स्मारक में सीएए के खिलाफ धरना दे रहे लोगों के बीच पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा ‘घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आपसे पहले मैं डिटेंशन कैंप जाऊंगा। मैं राज्य में सीएए, एनआरसी और एनपीआर लागू नहीं होने दूंगा। जैसे नरेंद्र मोदी देश के चुने हुए प्रधानमंत्री हैं तो मैं भी राजस्थान की जनता का चुना हुआ मुख्यमंत्री हूं। अन्य लोगों की तरह ही उनके पास भी अपने माता-पिता के जन्मस्थान की जानकारी नहीं है ऐसे में मैं भी डिटेंशन सेंटर भेजा जाउंगा। किसी व्यक्ति को डिटेंशन कैंप में नहीं जाने दिया जाएगा।’ संबंधित खबरें असहमति को ‘एंटी नेशनल’ कहना लोकतंत्र की आत्मा पर है चोट, मौजूदा हालात पर बोले सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज ने खारिज की हिन्दू राष्ट्र की थ्योरी, बोले- संविधान निर्माताओं ने बनाया था ‘रिपब्लिक ऑफ इंडिया’ उन्होंने आगे कहा ‘सीएए देश और संविधान के खिलाफ है। यह टेक्नीकली लागू नहीं हो सकता है। जो कानून टेक्नीकल तौर पर लागू नहीं किया जा सकता तो उसे लागू क्यों किया जा रहा है। असम में तो बीजेपी की सरकार है लेकिन वहां की सरकार भी इसका विरोध कर रही है।सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए ताकि देश में शांति व सद्भाव बना रहे।’                                             आप को  बता दें कि एनपीआर में पिता और माता के जन्म स्थान की जानकारी भी मांगी जा रही है। राजस्थान समेत कई अन्य राज्य भी इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कई मौकों पर कह चुकी हैं कि वह इसे लागू नहीं होने देंगी। वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि संवैधानिक तौर पर राज्यों को यह अधिकार नहीं कि वह इसकों लागू होने से रोक सकें।  wwe.deshkadarpannews.com.                                                                         

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