नागरिकता कानून के बिरोध मे शाहीन बाग में चल रहा धरना प्रदर्शन को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट मे गुहार ।


    देशकादपॅण.न्यूज;    Shaheen Bagh Over CAA And NRC नागरिकता कानून : शाहीन बाग में धरना हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार, बढ़ाई गई सुरक्षा । देशकादपॅण.न्यूज;  ब्यूरो, नई दिल्ली Updated Mon, 03 Feb 2020       दिल्ली के शाहीन बाग में डेढ़ महीने से अधिक समय से नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ जारी धरना-प्रदर्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है। याचिका में सड़क पर बैठे प्रदर्शनकारियों को हटाने की गुहार की गई है। याचिका में कहा गया कि शाहीन बाग में सड़क पर बैठे प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए केंद्र सरकार समेत संबंधित अथॉरिटी को निर्देश दिया जाए। लंबे समय से बंद पड़े इस सड़क के कारण दिल्लीवासियों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रही है। डॉ. नंद किशोर गर्ग की ओर से दायर इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से गुहार की गई है कि सार्वजनिक स्थलों पर धरना प्रदर्शन को प्रतिबंधित करने के लिए केंद्र सरकार को दिशानिर्देश बनाने का निर्देश दिया जाना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि सड़क पर जमे प्रदर्शनकारियों की वजह से दूसरे लोगों का मौलिक अधिकार प्रभावित हो रहा है। सवाल किया गया कि क्या लंबे समय तक इस तरह से सड़क को ब्लॉक किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर शाहीन बाग के नजदीक रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया है। सुरक्षा जांच के लिए शाहीन बाग में लगे मेटल डिटेक्टर महज शोपीस, पुलिस भी बनी मूकदर्शक पिछले तीन दिनों में शाहीन बाग में फायरिंग की घटनाओं के बाद भी पुलिस महकमा चेता नहीं है। शाहीन बाग में कालिंदी कुंज वाले रास्ते पर दो मेटल डिटेक्टर तो खड़े कर दिए गये, लेकिन उस रास्ते से आने-जाने वाले लोग उसका इस्तेमाल ही नहीं कर रहे हैँ। जबकि जांच के लिए बैरिकेड पर सुरक्षा बल भी तैनात है, मगर वह एक किनारे खड़े नजर आये। वहीं प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस जानबूझकर जांच में ढिलाई बरत रही है। अगर उन्हें प्रदर्शन में आने-जाने वालों की जांच ही नहीं करनी तो मेटल डिटेक्टर दिखावे के लिए लगाने की क्या जरूरत थी। शाहीन बाग में माहौल बिगड़ने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल होने आने वालों की जांच के लिए सोमवार सुबह मेटल डिटेक्टर लगा दिया है। मगर जांच के लगे मेटल डिटेक्टर महज शोपीस बनकर खड़े हैं। मेटल डिटेक्टर बंद पड़े होने से कोई भी शख्स उससे निकल कर नहीं जा रहा था। जांच के लिए खड़ी पुलिस भी इधर-उधर टहलती हुई नजर आई। सुरक्षा में तैनात केंद्रीय बल भी बैरिकेड के एक किनारे खड़ी नजर आई। प्रदर्शनकारी इकबाल अंसारी का कहना है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन का माहौल खराब करने का लगाता प्रयास किया जा रहा है, लेकिन पुलिस किसी भी आने-जाने वालों की जांच तक नहीं कर रही है। प्रदर्शनकारी महिला आलिया ने बताया कि मंच के पास गोली लेकर आने की घटनाएं कई बार हो चुकी हैं। ऐसी हालात में कभी भी भगदड़ मच सकती है, जिसमें सबसे अधिक नुकसान बच्चों व महिलाओं को होगा। विशेष पुलिस उपायुक्त (कानून व्यवस्था) ने सुरक्षा का लिया जायजा विशेष पुलिस उपायुक्त (कानून व्यवस्था) आरएस कृष्णिया ने सोमवार को शाहीन बाग पहुंचकर सुरक्षा का जायजा लिया। उनके साथ पुलिस उपायुक्त कुमार ज्ञानेश के साथ-साथ कई आलाधिकारी भी मौजूद थे। इस दौरान विशेष पुलिस उपायुक्त ने शाहीन बाग के बाहरी हिस्से में जाकर सुरक्षा का जायजा लिया। सुरक्षा में तैनात स्थानीय पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय बल को कई दिशा-निर्देश दिए। लापरवाही बरतने में नपे पूर्व पुलिस उपायुक्त शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने तत्कालीन पुलिस उपायुक्त चिन्मय बिस्वाल को हटाये जाने का स्वागत किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि चुनाव आयोग की टीम के यामने उन लोगों ने चिन्मय बिस्वाल पर एक तरफा कार्रवाई का आरोप लगाया था। पूर्व पुलिस उपायुक्त के रवैये से नाखुश स्थानीय नेताओं ने भी उन्हें हटाने की मांग की थी। स्कूल की छुट्टी होने पर दो किलोमीटर तक पैदल कर रहे सफर शाहीन बाग का रास्ता बंद होने से स्कूली बच्चों को उनके माता-पिता हर दिन कालिंदी कुंज तक पैदल लेने जाते हैं। सोमवार को भी मासूम बच्चे थकी-हारी हालत में अपने माता-पिता के साथ घर की ओर पैदल की जाते नजर आये। यह वह लोग हैं, जो कई सालों से शाहीन बाग की कॉलोनियों में रहते हैं और उनके बच्चे नोएडा के स्कूलों में पढ़ने जाते हैं। www.deshkadarpannews.com.                                                                                             

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