सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस च॔द्रचूड़ बोले असहमति को देश विरोधी कहना लोकतंत्र की आत्मा पर चोट ।


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जस्टिस चंद्रचूड़ बोले- असहमति को 'देश विरोधी' कहना लोकतंत्र की आत्मा पर चोट। देशकादपॅण.न्यूज,  अहमदाबाद, 15 February, 2020 जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने असहमति को लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व बताया है. गुजरात हाई कोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि असहमति को देश विरोधी ठहराना लोकतंत्र की आत्मा पर चोट है. असहमति को 'देश विरोधी' कहना लोकतंत्र की आत्मा पर चोट: जस्टिस चंद्रचूड़ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने असहमति को बताया लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व गुजरात हाई कोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ ने शांतिपूर्वक चलने वाले विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करता हुआ एक बड़ा बयान दिया है. शनिवार को उन्होंने कहा कि असहमति को एक सिरे से राष्ट्र-विरोधी और लोकतंत्र-विरोधी बता देना लोकतंत्र पर हमला है. उन्होंने कहा कि विचारों को दबाना देश की अंतरात्मा को दबाना है. अहमदाबाद में गुजरात हाई कोर्ट के ऑडिटोरियम में 15वें पी. डी. मेमोरियल लेक्चर में डी. वाई. चंद्रचूड़ ने 'असहमति' को लोकतंत्र का 'सेफ्टी वॉल्व' भी बताया. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि असहमति पर अंकुश लगाने के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल डर की भावना पैदा करता है. उन्होंने कहा, 'असहमति को एक सिरे से राष्ट्र-विरोधी और लोकतंत्र-विरोधी करार देना संवैधानिक मूल्यों के संरक्षण एवं विचार-विमर्श करने वाले लोकतंत्र को बढ़ावा देने के प्रति देश की प्रतिबद्धता की मूल भावना पर चोट करती है.' जस्टिस चंद्रचूड ने दिखाई सरकारों को सही राह जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि असहमति का संरक्षण करना इस बात की याद दिलाता है कि लोकतांत्रिक रूप से एक निर्वाचित सरकार हमें विकास और सामाजिक समन्वय के लिए एक सही टूल देती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार उन मूल्यों और पहचानों पर कभी एकाधिकार का दावा नहीं कर सकती जो हमारी बहुलवादी समाज को परिभाषित करती हैं।                                                CAA प्रदर्शन में शामिल हुए इमरान प्रतापगढ़ी को प्रशासन ने भेजा 1 करोड़ का नोटिस  ,जस्टिस चंद्रचूड बोले- असहमति लोकतंत्र का एक 'सेफ्टी वॉल्व' जस्टिस चंद्रचूड़ ने 15 वें, न्यायमूर्ति पीडी देसाई स्मारक व्याख्यान में 'भारत को निर्मित करने वाले मतों: बहुलता से बहुलवाद तक' विषय पर बोलते हुए आगे कहा कि सवाल करने की गुंजाइश को खत्म करना और असहमति को दबाना सभी तरह की प्रगति- राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक बुनियाद को नष्ट कर देता है. इस मायने में असहमति लोकतंत्र का एक 'सेफ्टी वॉल्व' है. असहमति पर प्रहार लोकतांत्रिक समाज के मूल विचार पर चोट सुप्रीम कोर्ट के जज ने आगे कहा, "असहमति पर प्रहार संवाद आधारित लोकतांत्रिक समाज के मूल विचार पर चोट करता है. इस तरह किसी सरकार को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वह अपनी मशीनरी को कानून के दायरे में विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संरक्षण के लिए तैनात करे और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने या डर की भावना पैदा करने की किसी भी कोशिश को नाकाम करे।                                              शाहीन बाग पहुंचे अनुराग कश्यप, कहा- मोदी सरकार नहीं समझती प्यार की भाषा इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विचार-विमर्श वाले संवाद का संरक्षण करने की प्रतिबद्धता प्रत्येक लोकतंत्र का, खासतौर पर किसी सफल लोकतंत्र का एक अनिवार्य पहलू है.                                                 wwe.deshkadarpannews.com. सुप्रीम कोर्ट के जज डीवाई चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के जज डीवाई चंद्रचूड़ India मतभेद को एंटी-नेशनल कहना लोकतंत्र पर हमला है।                              : SC जज डीवाई चंद्रचूड़ ,      देश में संशोधित नागरिकता कानून और संभावित NRC को लेकर प्रदर्शन चल रहे हैं. दिल्ली से लेकर चेन्नई तक इन प्रदर्शनों में लोग बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं. इसके साथ ही लोगों का एक धड़ा और कुछ राजनेता भी प्रदर्शनकरियों को 'देशद्रोही' और 'एंटी-नेशनल' बता रहे हैं. देशद्रोह और एंटी-नेशनल की परिभाषा क्या है, इस पर भी बहस चल रही है. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जज का बयान सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि मतभेद को 'एंटी-नेशनल' और 'एंटी-डेमोक्रेटिक' बता देना डेमोक्रेसी पर हमला करना जैसा है. जस्टिस चंद्रचूड़ अहमदाबाद में गुजरात हाई कोर्ट ऑडिटोरियम में 15वें पीडी मेमोरियल लेक्चर को संबोधित कर रहे थे. विचार-विमर्श के संवाद के लिए समर्पित सरकार राजनैतिक विवाद को दबाती नहीं है, बल्कि उसका स्वागत करती है. कानून के लिए समर्पित राज्य ये सुनिश्चित करता है कि कानूनी मशीनरी वैध और शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने के लिए इस्तेमाल न की जाए. इसकी बजाय राज्य विचार-विमर्श के लिए माहौल बनाता है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि लिबरल डेमोक्रेसी में नागरिकों को अपने विचार रखने का अधिकार होता है और इस तरह के मतभेद को 'एंटी-नेशनल' बता देना डेमोक्रेसी पर हमला है. "मतभेद डेमोक्रेसी के सेफ्टी वाल्व" जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने लेक्चर के दौरान कहा, "नागरिक स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्धता इस बात से तय होता है कि राज्य मतभेदों से किस तरह पेश आता है." जस्टिस चंद्रचूड़ ने मतभेदों को डेमोक्रेसी का सेफ्टी वाल्व बताया और कहा कि लोगों के दिमाग में डर बिठाना व्यक्तिगत स्वतंत्रता के उल्लंघन से कहीं ज्यादा है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि विरोध को दबाना और लोकप्रिय या अलोकप्रिय आवाजों को शांत कराने से देश के बहुलवाद को खतरा है. हाल ही में, यूपी सरकार ने CAA के खिलाफ प्रदर्शन में पब्लिक प्रॉपर्टी को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कथित प्रदर्शनकरियों को रिकवरी नोटिस भेजा था. इन नोटिस को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिस बेंच ने इस याचिका पर यूपी सरकार से जवाब मांगा था, जस्टिस चंद्रचूड़ उसमें शामिल थे।                                               wwe.deshkadarpannews.com. 

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