अमीत शाह ने नागरिकों के लिए एक राष्ट्र एक काडॅ (बहुउदेश्य आई डी काडॅ) का प्रस्ताव दिया है ।23/9/19


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   शाह मंत्रालय में एबीआईएच शाह मिक्स विवादास्पद कार्ड का मानना है कि 20 अमरीन की जननाण डिजिटल अमित शाह ने कहा कि एक मोबाइल ऐप का उपयोग 2021 की जनगणना में पहली बार किया जाएगा और देश को पेन और पेपर जनगणना से डिजिटल डेटा तक ले जाएगा।  डिजिटल नागरिकों के लिए नई।     देश का दपॅण न्यूज:  दिल्ली:  गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकों के लिए बहुउद्देशीय आईडी कार्ड का प्रस्ताव किया है। नई दिल्ली: गृह मंत्री ने कहा है कि 1 992 की जनगणना जैसे सभी उपयोगिता वाले लोगों के लिए एक मोबाइल ऐप का उपयोग किया जाएगा और देश को पेन और पेपर की जनगणना से डिजिटल डेटा तक ले जाएगा, जो देश की जनगणना व्यायाम में एक बड़ी क्रांति होगी। "हमारे पास केवल एक, एक बार, कार्डपोर्ट, बैंक खाते, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता कार्ड के लिए एक ही क्रांति होगी। इसमें एक सिस्टम होना क्यों नहीं है?                                    Multipurpose ID Card: अमित शाह बोले पासपोर्ट, आधार और वोटर ID सब कुछ हो एक कार्ड में नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक मल्टीपरपज आईडी कार्ड की बात कही है। इस कार्ड में पासपोर्ट, आधार और वोटर कार्ड सब कुछ समाहित होंगे। देश में इस वक्त आधार, पासपोर्ट और वोटर कार्ड जैसे कई ID कार्ड हैं, जिन्हें एड्रेस और फोटो पहचान पत्र के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। अमित शाह ने इन सबको एक कार्ड में समाहित करने का आईडिया दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री ने जो आईडिया दिया है उसके अनुसार वे चाहते हैं कि आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड जैसे अलग-अलग कार्ड सब एक कार्ड में समाहित हो जाएं। यही नहीं उन्होंने आईडिया दिया है कि बैंक अकाउंट को भी इसी कार्ड के साथ जोड़ दिया जाए। उन्होंने कहा, साल 2014 में नरेन्द्र मोदी जी के देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारे सोचने की क्षमता में बदलाव होने लगा। देश को समस्याओं से मुक्त किया जाए, ऐसी प्लानिंग की शुरुआत 2014 के बाद हुई। इससे जनगणना रजिस्टर के सही उपयोग की शुरुआत हुई। हर 10 साल में होने वाली जनगणना भी साल 2021 में होनी है। इस बीच अमित शाह ने बताया कि 2021 की जनगणना घर-घर जाकर नहीं बल्कि, मोबाइल ऐप के जरिए होगी। उन्होंने कहा कि कोई ऐसा सिस्टम भी होना चाहिए, जिसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर यह जानकारी अपने-आप पॉपुलेशन डाटा में जुड़ जाए।                            यह भी पढ़ें : सावधान! अगले साल से आपकी हर गतिविधि की मोदी सरकार के पास होगी पुख्ता जानकारी केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, देश के सामाजिक प्रवाह, देश के अंतिम व्यक्ति के विकास और देश के भविष्य के काम के आयोजन के लिए जनगणना आधार है। जनगणना का डिजिटल डाटा होने से अनेक प्रकार के विश्लेषण के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। कई बदलाव और नई पद्धति के बाद आज जनगणना डिजिटल होने जा रही है। बता दें कि सन् 1865 में सबसे पहले जनगणना की गई तब से लेकर आज 16वीं जनगणना होने जा रही है।                                 www.deshkadarpannews.com                                                              

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