राष्ट्रीय राकेश अस्थाना घूसकांड की जांच के सभी अधिकारी बदले गए।28/9/19


www.deshkadarpannews.com
      राष्ट्रीय राकेश अस्थाना घूसकांड की जांच कर रहे सभी अफसर बदले गए, CBI की मंशा पर उठ रहे सवाल! पिछले साल 2018 में राकेश अस्थाना के खिलाफ हैदराबाद के कारोबारी मोईन कुरैशी ने घूस लेने का आरोप लगाया था। इसके बाद सीबीआई में नंबर वन यानी डायरेक्टर आलोक वर्मा और नंबर टू अस्थाना के खिलाफ लड़ाई छिड़ गई थी। देश का दपॅण न्यूज:  नई दिल्ली |  September 28, 2019  राकेश अस्थाना घूसकांड की जांच कर रहे सभी अफसर बदले गए, CBI की मंशा पर उठ रहे सवाल! राकेश अस्थाना घूसकांड की जांच कर रहे सभी अफसर बदले गए है।  देश की शीर्ष जांच एजेंसी सीबीआई में नंबर दो अफसर यानी स्पेशल डायरेक्टर रहे राकेश अस्थाना के खिलाफ घूस लेने की जांच कर रही टीम के चारों अफसरों को या तो बदल दिया गया है या उन्हें हटा दिया गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इसी साल 31 मई को अस्थाना के खिलाफ चार महीनों में (30 सितंबर तक) जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था लेकिन उस अवधि के पूरा होने से पहले ही सीबीआई ने मामले की जांच कर रहे चार में से दो अफसरों को होम कैडर में भेज दिया है, जबकि एक को पद से हटा दिया गया है। चौथे अधिकारी ने स्वैच्छिक सेवानिवृति के लिए आवेदन दिया है। ‘द वायर’ के मुताबिक अस्थाना के खिलाफ जांच कर रहे चार अफसरों में वी मुरुगेसन, एम एन राव, तरुण गौबा और सतीश डागर शामिल रहे हैं। वी मुरुगेसन सीबीआई में ज्वाइन्ट डायरेक्टर (एंटी करप्शन) रहे हैं। सीबीआई ने उन्हें मूल कैडर उत्तराखंड वापस भेजने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से सीलबंद लिफाफे में इजाजत मांगी थी, जिसे जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी है। मुरुगेसन जल्द सीबीआई से बाहर हो जाएंगे। दूसरे अफसर एम एन राव एजेंसी में एडिशनल डायरेक्टर के पद पर तैनात थे। उन्हें 5 जुलाई को ही हटा दिया गया था। तीसरे अफसर तरुण गौबा डीआईजी रैंक के अधिकारी हैं। उन्हें भी सीबीआई से 10 जुलाई को हटा दिया गया। गौबा को भी मूल कैडर उत्तराखंड वापस भेज दिया गया। मामले की जांच कर रहे चौथे अफसर सतीश डागर एसपी रैंक के अधिकारी हैं, जिन्होंने वीआरएस मांगी है। डागर ने 19 अगस्त को लिखे पत्र में 1 दिसंबर, 2019 से केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 1972 के नियम 48 के तहत स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए अनुरोध किया है। इस बीच गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी गगनदीप गंभीर जो डीआईजी रैंक की अफसर हैं, उन्हें 16 जुलाई को ही अस्थाना के खिलाफ जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इनकी जिम्मेदारी संभालने के एक महीने के अंदर ही सतीश डागर ने वीआरएस के लिए अप्लाई कर दिया। गगनदीप को राकेश अस्थाना का करीबी माना जाता है। अस्थाना द्वारा गठित एसआईटी में गगनदीप भी शामिल थीं। पिछले साल 2018 में राकेश अस्थाना के खिलाफ हैदराबाद के कारोबारी मोईन कुरैशी ने घूस लेने का आरोप लगाया था। इसके बाद सीबीआई में नंबर वन यानी डायरेक्टर आलोक वर्मा और नंबर टू अस्थाना के खिलाफ लड़ाई छिड़ गई थी। इससे जांच एजेंसी की साख पर बट्टा लगा था। सरकार ने दोनों अधिकारियों को जबरन छुट्टी पर भेज दिया था बाद में दोनों का तबादला कर दिया गया। बता दें कि राकेश अस्थाना 1984 बैच के आईपीएस अफसर हैं। सीबीआई में स्पेशल डायरेक्टर बनने से पहले वो इसी एजेंसी में कई भूमिकाओं में रह चुके हैं। मोदी सरकार ने 2016 में अस्थाना को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाया था लेकिन उनकी नियुक्ति पर विवाद हो गया। बाद में सरकार ने फरवरी 2017 में आलोक वर्मा को सीबीआई का निदेशक बनाया था। अस्थाना को मोदी सरकार का करीबी अफसर माना जाता है। उनके खिलाफ जांच कर रहे अफसरों को हटाने से सीबीआई की मंशा पर भी सवाल उठने है। www.deshkadarpannnews.com

Comments

Popular posts from this blog

रानोली गणगौर स्टेडियम में दों दिवसीय गणगौर मेले का आगाज...* *पंचायत प्रसाशन की और से लगाऐं गए सीसीटीवी कैमरे...*

मण्डल रेल प्रबन्धक ने मंडलीय अधिकारियों संग किया बनारस - प्रयागराज रामबाग रेल खण्ड का विन्डो ट्रेलिंग निरीक्षण , दिए दिशा-निर्देश

उत्तर प्रदेश न्यूज़, मऊ में टीएसी टीम ने परखी सड़क निर्माण की गुणवत्ता