भ्रष्टाचार में लिप्त जयपुर ,राजकीय महारानी बालीका उच्च माध्यमिक विद्यालय( बनीपाकॅ)28/9/19


www.deshkadarpannews.com     भ्रष्टाचार में लिप्त प्रिंसिपल और स्कूल स्टाफ साबुत होते हुए भी नही हो रही कायॅवाही, बेखौफ है अधिकारी। आपको बता दे कि सरकार ने Ticher बनने के लिए 96 दिनों कि ट्रेनिंग  जरूरी कर दिया है  जो छात्र बियड करते है उन्हें यह ट्रेनिंग लेनी होती है जिसे internship कहते है । सरकार सरकारी विद्यालयों मे 96 दिनों कि ट्रेनिंग के लिए भेजती है और इस को पुरा करने के बाद  डिग्री देती है। लेकिन अलग अलग राज्यों में इसके लिए  फिस अलग अलग होते है । राजस्थान मे 27 हजार है और दुसरे राज्यों मे 85 हजार तक भी  लिए जाते है। इसलिए छात्र दुसरे राज्यों से         राजस्थान मे आते है।  ऐसा ही भ्रष्टाचार का         एक मामला सामने आने पर एक पत्रकार इसके बारे मे जनकारी लेने जब    राजकिय  माहारानी बालिका उच्च विद्यालय बनीपाकॅ जयपुर  पहुँचा तो स्कूल के प्रिंसिपल  वहा नहीं थे उनके 3_4 स्टाफ से सारी बाते बताई गई तो उन्होंने कहा फाइल प्रिंसिपल के पास है वही दिखायेगे। उनसे कहा गया कि   यह सारा कुछ उनका किया गया है तो उन सभी ने कहा फिर भी वही दिखायेगे । फिर स्कूल स्टाफ विष्णु जी ने फोन पर प्रिंसिपल से बात कर जानकारी दि और पत्रकार से बात कराया तो प्रिंसिपल ने रजीस्टर दिखाने से यह कह कर  मना कर दिया कि सरकारी  कागजात नहीं दिखाये जाएंगे जब उन्हें यह कहा गया कि रजीस्टर मे साईन ही नहीं है इसके साबुत मेरे पास है आप नहीं दिखाते है तो आपके अधिकारी को लाता हु ।तब उन्होंने कहा ठिक है कल आना स्कूल की तो छुट्टी है पर सब स्टाफ रहेंगे मैं आप को  रजीस्टर दिखा दुंगा। पत्रकार को ऐसा लगा कि हो सकता है प्रिंसिपल उस रजीस्टर पर साइन करा  लेगा इसलिए थाना प्रभारी को इसकी जानकारी दि लेकिन थाना अधिकारी ने कहा जब तक आप केस दॅज नहीं करेंगे तब तक मै आपकी सहायता नहीं कर सकता ।उस दिन बनीपाकॅ थाना में Blod Donation Camp चल रहा था । सभी स्टाफ उसमें लगे हुए थे। फिर दुसरे दिन  स्कूल      जाने पर पता लगा स्कूल मे 3 दिन की छुट्टी है । स्कूल की छुट्टी थी पर स्टाफ थे क्योंकि मिटींग होने वाली थी प्रिंसिपल नहीं आए और आए भी कैसे क्योंकि उन्हें तो पता था मिलने पर रजीस्टर दिखाना पड़ेगा ।फोन करने पर बोले मैं आप को रजीस्टर नहीं दिखा सकता । फिर पत्रकार ने शिक्षा उच्च अधिकारी रतन सिंह यादव को इस बात कि जानकारी दी तो रतन सिंह जी ने उस एरिया के महिला  अधिकारी अमित शमाॅ  को इसके लिए लगाया । अमीत शमाॅ स्कूल में पहुंच कर रजीस्टर देखना चाही तो उन्हें रजीस्टर नहीं मिला  उन्हें बताया गया कि रजीस्टर नहीं मिल रहा । तिन दिन तक रजीस्टर नहीं  मिला । पत्रकार ने रतन सिंह को कहा कि रजीस्टर प्रिंसिपल के  पास है लेकिन  जाहा सरकारी काम  हो पत्रकार को कौन पुछता है। रविवार को प्रिंसिपल और उनके साथी स्टाफ ने रजीस्टर मे साइन करा लिए उस दिन छुट्टी होने के कारण रतन जी ने पत्रकार का फोन नहीं उठाया ।फिर उसके बाद अधिकारीयो से बात करने पर    बोले आप प्राइवेट स्कूलों मे क्यों ध्यान नहीं देते वाहा बहुत भ्रष्टाचार है। अभी भी ना तो रतन सिंह यादव या अमित शमाॅ जी ने उस रजीस्टर को दिखाया और ना ही दिखाने वाले है।                                            आखिर ऐसा क्या है जो स्कूल स्टाफ के साथ साथ  सरकारी अधिकारी भी  दिखाना नहीं चाहते। जिस राज्य में स्कूल प्रिंसिपल भ्रष्ट और स्टाफ बेखौफ साथ में जांच करने वाले अधिकारी निष्पक्ष ना हो तो आप सोजिए कैसे बच्चे ऐसे स्कूल से निकले गे।                                                         आखिर कौन है  जो जांच रोक रहा है ,यह कहना मुश्किल है। स्कूल स्टाफ का कहना है हम हमारे department को सम्भाल लेंगे ।आप को बता दे कि  जयपुर मे बहुत सारे स्कूलों में भ्रष्टाचार फैला है छात्र रूपय दे कर  बिना गए ही डिग्री प्राप्त कर रहे है।  मोटी कमाई का जरिया होता जा रहा है यह ट्रेनिंग। सरकारी स्कूल मे लाख रूपय वेतन पाने वाले   शिक्षक  भी  इसमें सामील होने से अपने आप को नहीं रोक पा रहे है। जांच अधिकारी  यह सरकारी काम है कह कर किसी कि सिकायत दजॅ नहीं  करते।           देश का दपॅण न्यूज:  जयपुर के  झोटवाडा मे स्थित एक स्कूल भी ऐसे केस मे सामिल है लेकिन  जांच अधिकारी पत्रकार का सहयोग नहीं  कर रहे। अधिकारी यह कह पत्रकार को हटा देते हैं कि यह सरकारी काम है।   www.deshkadarpannews.com

Comments

Popular posts from this blog

रानोली गणगौर स्टेडियम में दों दिवसीय गणगौर मेले का आगाज...* *पंचायत प्रसाशन की और से लगाऐं गए सीसीटीवी कैमरे...*

मण्डल रेल प्रबन्धक ने मंडलीय अधिकारियों संग किया बनारस - प्रयागराज रामबाग रेल खण्ड का विन्डो ट्रेलिंग निरीक्षण , दिए दिशा-निर्देश

उत्तर प्रदेश न्यूज़, मऊ में टीएसी टीम ने परखी सड़क निर्माण की गुणवत्ता