महबूबा की बेटी काश्मीर के लिए सभी दलों को एक होने का आवाहन किया है।25/9/19


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महबूबा की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कश्मीर के लिए सभी दलों को एक होने की दी दुहाई ।देश का दपॅण न्यूज:श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि वक्त आ गया है कि कश्मीर और कश्मीरियों का हमदर्द कहने वाले सभी राजनीतिक दल आपसी मतभेद भुलाकर राज्य की पहचान को बनाए रखने के लिए एकजुट होकर प्रयास करें। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक पाबंदियों के नाम पर कश्मीरियों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया गया है। उन्होंने कहा कि कश्मीरियों को अपने किसी प्रियजन की मौत का गम मनाने या किसी त्योहार की खुशी भी मनाने का अधिकार नहीं दिया जा रहा है। इल्तिजा मुफ्ती ने एक न्यूज एजेंसी के साथ साक्षात्कार में कहा कि पांच अगस्त के बाद से कश्मीर में स्थिति बहुत खराब है। हालात सामान्य बनाए रखने के नाम पर लगाई गई पाबंदियों से आम आदमी कैद होकर रह गया है। इल्तिजा ने राजनीति में सक्रिय होने संबंधी सवाल को टालते हुए कह कि कोई यह बात क्यों नहीं समझता कि एसी टीवी स्टूडियो में बैठकर बात करने से, टीवी पर इंटरव्यू देने से कोई नेता नहीं बन सकता। कश्मीर में इस समय मानवीय संकट की स्थिति है, वहां लोग आर्थिक और मानसिक संकट का सामना कर रहे हैं। इसके बावजूद यहां लोग कश्मीर में हालात के सामान्य होने के मुद्दे पर चर्चा करते फिर रहे हैं। मैंने कई खबरें पढ़ी हैं कि कश्मीर में अपने किसी रिश्तेदार या परिजन की मौत की खबर भी लोग अपने जानने वालों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। दुल्हन लेने के लिए जा रहे दूल्हे को प्रशासनिक पाबंदियों के चलते किन दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है, यह वही बता सकता है। केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप : इल्तिजा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने राज्य प्रशासन को निर्देश दिया था कि मेरी मां महबूबा मुफ्ती को हमारे परिवार के किसी भी सदस्य से मिलने या बातचीत करने मौका न दिया जाए। केंद्र सरकार मेरी मां को सबसे अलग थलग कर उसका मनोबल तोड़ना चाहती थी। मैंने खुद चार सप्ताह तक अपनी मां से मुलाकात का प्रयास किया। नाकाम रहने पर ही मैंने मीडिया से संपर्क करते हुए अदालत का सहारा लिया। आज हम एक ऐसे दौरे में रहते हैं कि जब प्रधानमंत्री अपनी मां से मिलने जाते हैं तो इस मुल्क के लोग और पूरा मीडिया इस पर आंखें गढ़ाए रहता है। दूसरी तरफ जब इस सरकार द्वारा कश्मीर में अवैध रूप से हिरासत में लिए गए बच्चों की बात आती है तो यही मीडिया चुप होकर बैठ जाता है। क्या कश्मीरी इंसान नहीं हैं, उस समय आप लोगों की मानवता कहां गुम हो जाती है। इल्तिजा ने कहा कि मैं अपनी मां की रिहाई तक संघर्ष करती रहूंगी, लेकिन उन मांओं का क्या होगा जिनके बच्चे राज्य से बाहर की जेलों में कैद किए गए हैं। वह किससे जाकर मिलें। जम्मू कश्मीर के विशेषाधिकार समाप्त किए जाने के मुद्दे पर इल्तिजा ने कहा कि राज्य के लोगों की बेहतरी की खातिर सभी राजनीतिकि दलों को आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट होकर केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ संघर्ष करना होगा।                  www.deshkadarpanmews.com                  

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