छुट्टियों में शिक्षकों की बढ़ी परेशानी, सीबीआई ने मांगी 2014-15 व 2015-16 के मिड डे मील व छात्रवृत्ति संबंधी रिकॉर्ड की जानकारी

छुट्टियों में शिक्षकों की बढ़ी परेशानी, सीबीआई ने मांगी 2014-15 व 2015-16 के मिड डे मील व छात्रवृत्ति संबंधी रिकॉर्ड की जानकारी

शिक्षक संघ ने उठाई कार्यप्रणाली पर आपत्ति, कहा : बिना सूची के सभी स्कूल मुखियाओं को किया जा रहा परेशान

कैथल (कृष्ण प्रजापति): हरियाणा के सरकारी स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों और स्कूल प्रमुखों की इन दिनों छुट्टियों का सारा सुकून रिकॉर्ड जुटाने की प्रक्रिया ने छीन लिया है। सीबीआई द्वारा वर्ष 2014-15 व 2015-16 में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग तथा बीपीएल छात्रों से संबंधित योजनाओं का ब्योरा मांगे जाने के बाद स्कूलों में हड़कंप की स्थिति बन गई है।
मांगी गई जानकारी में छात्रवृत्ति, ड्रेस, बैग, स्टेशनरी, प्रोत्साहन राशि, वन टाइम अलाउंस, स्टाइपेंड, मिड डे मील आदि योजनाओं की विस्तृत जानकारी शामिल है।
यह समस्त जानकारी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट, चंडीगढ़ में विचाराधीन केस एलपीए 1391 वर्ष 2015 (ओ एंड एम), सुनील कुमार बनाम स्टेट ऑफ हरियाणा के संदर्भ में मांगी गई है। कोर्ट ने 2 नवंबर 2019 के आदेश के तहत सीबीआई को रिकॉर्ड की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

स्कूलों को बिना सूची के जानकारी भेजने को कहा गया

हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने इस कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि बिना किसी सूची या प्राथमिक जांच के सभी स्कूल मुखियाओं से रिकॉर्ड मांगकर अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। संघ का कहना है कि मिड डे मील को छोड़कर बाकी सभी लाभार्थी योजनाओं की राशि सीधे बच्चों के बैंक खातों में स्थानांतरित की गई थी, फिर भी इसे एक "बड़े घोटाले" की तरह प्रचारित किया जा रहा है।

अध्यापक संघ की प्रतिक्रिया :

हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ, कैथल के जिला संगठन सचिव सुरेश द्रविड़ ने कहा कि इस भारी-भरकम जानकारी को गर्मियों की छुट्टियों के बीच मांगा जाना अनुचित है। न तो प्राथमिक शिक्षकों को रिकॉर्ड रखने का पर्याप्त प्रशिक्षण दिया गया है और न ही स्कूलों में कंप्यूटर ऑपरेटर हैं। ऐसे में शिक्षकों को खुद ही एक्शल सीट भरनी पड़ रही है, जिसमें काफी तकनीकी कठिनाई आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह कार्य छुट्टियों के बाद कराया जाता या केवल संदिग्ध स्कूलों से ही जानकारी मांगी जाती, तो कार्य अधिक पारदर्शी और शिक्षकों के लिए सुविधाजनक होता।

रिकॉर्ड तैयार करने में शिक्षकों को हो रही दिक्कत :

अधिकांश प्राथमिक स्कूलों में कंप्यूटर विशेषज्ञ नहीं हैं।
रिकॉर्ड रख-रखाव का कोई नियमित प्रशिक्षण नहीं दिया गया।
छुट्टियों के दौरान शिक्षकों को स्कूल बुलाया जा रहा है, जिससे उनका पारिवारिक समय प्रभावित हो रहा है।
जानकारी भरने में कई दिन का समय लग रहा है।


शिक्षा सदन पंचकूला पर किया प्रदर्शन:

अध्यापक संघ ने इस मुद्दे को लेकर आज पंचकूला स्थित शिक्षा सदन में प्रदर्शन किया और उसके बाद डीईओ/डीईईओ से जवाब-तलबी की गई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी शिक्षक या स्कूल प्रमुख को बेवजह परेशान नहीं होने दिया जाएगा।

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