एशिया माहादेश के सबसे बड़ी रेडलाइट एरिया सोनागाछी के अंधकार को दुरु करने में जुटी महाश्र्वेता कोलकता ।28/8/19


www.deshkadarpannews.com:       एशिया माहादेश 
के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया सोनागाछी के ‘अंधकार’ को दूर करने में जुटीं महाश्वेता कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। कोलकाता स्थित एशिया के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया सोनागाछी को उन्होंने बेहद करीब से देखा है। 52 वर्षीय महाश्वेता मुखर्जी पिछले दो दशकों से यहां यौनकर्मी महिलाओं के हित के लिए सक्रिय हैं। समाज की ये घोर उपेक्षित महिलाएं अपने दुख-दर्द उनसे साझा करती हैं। मानव तस्करी के खिलाफ भी उन्होंने मुहिम छेड़ रखी है। सेक्स वर्कर्स के संगठन दुर्बार महिला समन्वय कमेटी महाश्वेता सेक्स वर्कर्स के संगठन दुर्बार महिला समन्वय कमेटी की एडवोकेसी ऑफिसर हैं। सेक्स वर्कर्स को यौन संबंधी बीमारियों के बारे में जागरूक करना, उनका एचआइवी टेस्ट कराना, संक्रमित पाए जाने पर इलाज की व्यवस्था करना, यौनसुरक्षा के उपाय बताना और उपलब्ध कराना, मानसिक रूप से परेशान महिलाओं को मनोचिकित्सा और परामर्श मुहैया कराना, उनके लिए आर्थिक मदद जुटाना यह सभी काम वह पूरी शिद्दत से करती आ रही हैं। सेक्स वर्कर्स के समस्याओं का समाधान यही नहीं, वे सेक्स वर्कर्स के बच्चों को स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार मुहैया कराकर उनका भी भविष्य संवार रही हैं। किसी को जबरन इस धंधे में न धकेला जाए, इसका भी वे खास ध्यान रखती हैं। संगठन अब तक ऐसी डेढ़ हजार से अधिक किशोरियों व महिलाओं का उद्धार कर उन्हें उनके घर भेज चुका है, जिन्हें जबरन इस धंधे में उतारा जा रहा था। महाश्वेता बंगाल के 60 रेडलाइट एरिया में नियमित अंतराल में जाकर वहां की सेक्स वर्कर्स के लिए भी काम कर रही हैं। प्रत्येक रेडलाइट एरिया की समस्याओं के लिए स्वयंसेवी समूहों के गठन में भी उनकी अहम भूमिका रही है। ऐसे समूहों में संबंधित इलाके के प्रबु्द्ध लोग और सेक्स वर्कर्स भी शामिल हैं। मानव तस्करी मसलों को संसद में उठाने को भी तत्पर महाश्वेता बंगाल के सांसदों के जरिये मानव तस्करी से जुड़े मसलों को संसद में उठाने को भी तत्पर रहती हैं। जब भी लोकसभा व राज्यसभा का सत्र चलता है, महाश्वेता दिल्ली में होती हैं। उनका संगठन दिल्ली स्थित नेशनल नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर्स के साथ मिलकर देशभर में काम कर रहा है। 1999 से जुटी हैं मिशन में : हावड़ा के बाली इलाके के निश्चिंदा की रहने वालीं महाश्वेता 1999 में बतौर फील्ड को-आर्डिनेटर दुर्बार से जुड़ी थीं। उन्हें हावड़ा के तीन क्षेत्रों उलबेरिया, राजगंज और डोमजूड़ में सेक्स वर्करों के लिए खोले गए क्लीनिक के प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। महाश्वेता वहां के रेडलाइट एरिया में घूम-घूमकर सेक्स वर्कर्स को यौन संबंधी बीमारियों के बारे में जागरूक करती थीं और पीड़ितों को क्लीनिक लाकर उनका इलाज कराती थीं। वे डॉक्टर नहीं हैं, फिर भी इलाके में सब उन्हें डॉक्टर दीदी कहकर बुलाते थे। परिवार का समर्थन महाश्वेता को इस काम में परिवार का पूरा साथ मिला। ससुराल में पति व सास-ससुर ने समर्थन किया तो मायके में मां ने भी सराहा, हालांकि संकोच के कारण महाश्वेता पिता को इस बारे में नही बता पाई थी। एक दिन टीवी पर दुर्बार के एक सामाजिक कार्यक्रम में पिता ने अपनी बेटी को देखा तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी इतना अच्छा काम कर रही है और उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी। उनमें और दूसरे लोगों में कोई फर्क नहीं राजनीतिक विज्ञान से स्नातक महाश्वेता ने कहा, ‘बचपन में सोनागाछी के बारे में बहुत खराब बातें सुनती थी, लेकिन जब यहां सेक्स वर्कर्स के बीच आई, उनसे मिली, बातें कीं, तो उन्हें समझा। दरअसल, उनमें और दूसरे लोगों में कोई फर्क नहीं है। वे आसमान से नहीं टपकी हैं, बल्कि इसी समाज का हिस्सा हैं। उनकी अपनी कुछ मजबूरियां हैं, तभी ये काम कर रही हैं। सोनागाछी में करीब 10 हजार सेक्स वर्कर्स हैं। इनमें से सात हजार यहीं रहकर पेशा करती हैं। बाकी विभिन्न इलाकों से रोजाना यहां आती है।

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