दुसरे धमॅ के पुजा स्थल को गिरा कर बनी इमारत शरियत के मुताबिक मस्जिद नहीं हो सकती। 29/8/19


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    दूसरे धर्म के पूजास्थल को गिराकर बनी इमारत शरीयत के मुताबिक मस्ज़िद नहीं हो सकती ।`  देश का दपॅण न्यूज;  दूसरे धर्म के पूजास्थल को गिराकर बनी इमारत शरीयत के मुताबिक मस्ज़िद नहीं हो सकती' रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की ओर से पेश वकील पीएन मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जन्मस्थान पर इमारत थी, लेकिन उसे मस्ज़िद नहीं कह सकते. नई दिल्‍ली: अयोध्या मामले की 15वें दिन की सुनवाई में रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की ओर से पेश वकील पीएन मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जन्मस्थान पर इमारत थी, लेकिन उसे मस्ज़िद नहीं कह सकते।   दूसरे धर्म के पूजास्थल को गिराकर बनी इमारत शरीयत के हिसाब से मस्ज़िद नहीं हो सकती और उस इमारत में मस्ज़िद के लिए ज़रूरी तत्व भी नहीं थे। उन्‍हाेंने कहा कि मस्ज़िद हमेशा मस्ज़िद रहेगी, ये ज़रूरी नहीं है।  पैगंबर मोहम्मद ने कहा था कि किसी का घर तोड़ कर वहां मस्जिद नहीं बनाई जा सकती।  अगर ऐसा किया गया तो जगह वापस उसके हकदार को दे दी जाए।  ये एक तरह से उनका वचन था ।  उनके अनुयायियों पर भी ये वचन लागू होता है ।  बुधवार को 14वें दिन की सुनवाई में रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति ने बहस करते हुए कहा था कि विवादित इमारत बनवाने वाला कौन था, इस पर संदेह है।  मीर बाकी नाम का बाबर का कोई सेनापति था ही नहीं।  3 गुंबद वाली वो इमारत मस्ज़िद नहीं थी। मस्ज़िद में जिस तरह की चीज़ें ज़रूरी होती हैं, वो उसमें नहीं थी।राम जन्मभूमि पुनरोद्धार समिति के वकील पीएन मिश्रा ने अपनी दलीलें रखते हुए तीन किताबों का ज़िक्र करते हुए कहा था कि आईने अकबरी, हुमायूंनामा में बाबर द्वारा बाबरी मस्जिद बनने की बात नहीं है।   तुर्क-ए-जहांगीरी किताब में भी बाबरी मस्जिद के बारे में कोई जिक्र नही हैं।   बाबर सिर्फ इस बात से वाकिफ़ था कि ज़मीन वक़्फ़ की है। पीएन मिश्रा ने कहा कि निकोलो मनूची ने एक किताब लिखी थी जो इटालियन था और औरंगज़ेब का कमांडर था।  सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि औरंगज़ेब का इटालियन कमांडर था? पीएन मिश्रा ने कहा कि-हां औरंगज़ेब का कमांडर इटालियन था।                                             देश का दपॅण न्यूज: यह भी पढ़ेंः अयोध्‍या केस: SC ने पूछा- क्‍या औरंगजेब का कमांडर इटालियन था? हिंदू पक्षकार ने कहा... मंगलवार को 13वें दिन की सुनवाई में निर्मोही अखाड़ा की दलीलें पूरी होने के बाद रामजन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की तरफ से पीएन मिश्रा अपना पक्ष रख रहे हैं. निर्मोही अखाड़ा इससे पहले निर्मोही अखाड़ा की ओर से वकील सुशील जैन ने पक्ष रखा।. निर्मोही अखाड़ा ने शेबेट के दावे पर तैयार अपने नोटस को पढ़ा।  निर्मोही अखाड़ा ने याचिका भगवान की तरफ से मन्दिर के रखरखाव (मैनेजमेंट) के लिए दाखिल की थी।  जैन ने कहा था कि विवादित स्थल के अंदरूनी आंगन में एक मंदिर था वही जन्मभूमि का मंदिर है, वहां कभी कोई मस्जिद नहीं थी, मुसलमानों को मंदिर में जाने की इजाज़त नहीं थी, वहां पर हिन्दू अपनी-अपनी आस्था अनुसार पूजा करते थे। सुशील कुमार जैन ने कहा था कि रेवेन्‍यू रिकॉर्ड से साफ है कि ज़मीन पर निर्मोही अखाड़े के अधिकार हैं।                        

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