SC ने दिया झटका, पि चिदंबरम कि 30/8/19 तक हिरासत अवधि बढ़ाई 27/8/19


 देश का दपॅण न्यूज;  सीबीआई ने चिदंबरम के सामने सह-आरोपी को बिठा कर पूछताछ की, नए सबूत मिलने का दावा।     स्पेशल कोर्ट ने सीबीआई के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों के बाद चिदंबरम की रिमांड बढ़ाई कोर्ट ने इससे पहले चिदंबरम को22 अगस्त को सीबीआई की हिरासत में भेजा था, अबवे 30 अगस्त तक रिमांड पर रहेंगे।  नई दिल्ली. आईएनएक्स मीडिया केस में दिल्ली की विशेष अदालत ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की रिमांड 4 दिन और बढ़ा दी। अब उन्हें 30 अगस्त को अदालत में पेश किया जाएगा। सीबीआईने कोर्ट को बताया कि चिदंबरम से इस घोटाले की एक और आरोपी के मौजूदगी में पूछताछ की गई। दोनों के पुराने ई-मेल एक्सचेंज की जांच के बाद कई अहम सबूत सीबीआई के हाथ लगे हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, आईएनएक्स मीडिया केस में चिदंबरम से जिस सह-आरोपी की मौजूदगी में पूछताछ की गई वो नीति आयोग की पूर्व सीईओ सिंधुश्री खुल्लर हैं। कोर्ट में सीबीआई की तरफ से पेश हुए वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ईडी से मिली जानकारी के मुताबिक, आईएनएक्स घोटाले में सिंधुश्री की भूमिका की जांच होनी है। उससे मिली जानकारी चिदंबरम की जांच के लिए भी इस्तेमाल की जाएंगी। इसी तर्क के साथ उन्होंने कोर्ट से चिदंबरम की रिमांड बढ़ाने की अपील की। चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान मंत्रालय में ही थींसिंधुश्री सिंधुश्री की रिकॉर्ड शीट के मुताबिक, वे 11 अप्रैल 2007 से लेकर 11 सितंबर 2008 तक वित्त मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव थीं। इस दौरान चिदंबरम सरकार में वित्त मंत्री थे।अधिकारियों ने बताया कि इसी दौरान मंत्रालय में आईएनएक्स मीडिया घोटाले से जुड़े निर्णय लिए गए थे। इसके बादसिंधुश्री को विभाग में ही विशेष सचिव बना दिया गया था और वे नवंबर 2008 तक इस पद पर रहीं।जनवरी 2015 में प्लानिंग कमीशन खत्म कर के नीति आयोग बनाया गया और सिंधुश्री इसकी पहलीसीईओ नियुक्त कीगईं। जांच में मदद के लिए पांच देशों से भेजीगई रिक्वेस्ट मेहता ने कोर्ट को बताया कि सीबीआई ने इस केस में मनी ट्रेल की जांच के लिए भी पांच देशों से संपर्क किया है। इन सभी देशों को लेटर ऑफ रोगेटरी (एलआर) भेजे गए हैं। इनमें ब्रिटेन, स्विट्ज़रलैंड, बरमूडा, मॉरीशस और सिंगापुर शामिल हैं। एलआर एक तरह के औपचारिक याचिका होती है जो एक देश की कोर्ट से दूसरे देश की कोर्ट को न्यायिक मदद के लिए भेजी जाती है। वित्त मंत्री रहते हुए विदेशी निवेश की मंजूरी दी थी आरोप है कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए रिश्वत लेकर आईएनएक्स को 2007 में 305 करोड़ रु. लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी। जिन कंपनियों को फायदा हुआ, उन्हें चिदंबरम के सांसद बेटे कार्ति चलाते हैं। सीबीआई ने 15 मई 2017 को केस दर्ज किया था। 2018 में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। एयरसेल-मैक्सिस डील में भी चिदंबरम आरोपी हैं। इसमें सीबीआई ने 2017 में एफआईआर दर्ज की थी।                  चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- जांच एजेंसियां रोजाना मेरी छवि को तोड़ रही हैं आईएनएक्स मामला / चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- जांच एजेंसियां रोजाना मेरी छवि को तोड़ रही हैं ।    

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