असम के म॔त्री हिमांता विस्वा ने कहा यह NRC बाहरीयो से छुटकारा पाने में मदद नही करेगा। 31/8/19


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       पूर्व भारत असम के मंत्री हिमांता बिस्वा ने कहा, ''यह NRC बाहरियों से छुटकारा पाने में मदद नहीं करेगी ।असम के मंत्री हिमांता बिस्वा सरमा ने कहा कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) असमिया समाज के लिए "रेड लेटर" के रूप में नहीं देखा जा सकता है।अगस्त 31,2019                  असम के मंत्री हिमांता बिस्वा सरमा    देश का दपॅण न्यूज: असम के मंत्री हिमांता बिस्वा सरमा ने कहा कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) असमिया समाज के लिए "रेड लेटर" के रूप में नहीं देखा जा सकता है। बीजेपी नेता ने संकेत दिए कि उन्हें इस बात पर थोड़ा भरोसा था कि यह लिस्ट विदेशियों से छुटकारा पाने में मदद करेगा। सरमा ने शुक्रवार को लोकल पत्रकारों से कहा, ''ड्राफ्ट के आने के बाद हमने एनआरसी के वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए आशा खो दी है। जब कई सच्चे भारतीय इससे बाहर चले गए, तब आप कैसे इस बात का दावा कर सकते हैं कि यह डॉक्यूमेंट असमिया समाज के लिए रेड लेटर है.'' उन्होंने कहा, ''साउथ सलमरा और धुबरी की तरह बांग्लादेश की सीमा वाले जिलों में, बाहर निकाले जाने की दर सबसे कम है और भूमिपुत्र जिले में, यह अधिक है। यह कैसे हो सकता है? हमें अब इस एनआरसी में कोई दिलचस्पी नहीं है.'' हिमांता बिस्वा सरमा ने कहा, ''बांग्लादेशियों को बाहर निकालने के लिए एनआरसी कोई क्वार्टरफाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल नहीं है।थोड़ी देर प्रतीक्षा करें और आप भाजपा शासन के तहत अधिक फाइनल देखेंगे।.'  असम के लोगों को NRC को लेकर घबराने की कतई ज़रूरत नहीं: मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल बता दें कि असम में नागरिकों की अंतिम सूची आज सुबह 10 बजे ऑनलाइन प्रकाशित कर दी जाएगी।. इस लिस्ट के सामने आने के बाद ये साफ हो जाएगा कि पिछले साल लिस्ट के ड्राफ़्ट से बाहर हुए 41 लाख लोगों में से कितने अंतिम लिस्ट में जगह बना पाते हैं। लिस्ट में जिनका नाम होगा वही देश के नागरिक माने जाएंगे और जिनका नाम नहीं होगा वो विदेशी माने जाएंगे।                            लिस्ट के प्रकाशन से पहले असम पुलिस ने प्रदेश में अफ़वाह फैलाने वालों को रोकने के लिए कमर कस ली है।. सुरक्षा के मद्देनज़र राज्य के कई इलाक़ों में धारा 144 भी लगाई गई है।  जिन लोगों के नाम अंतिम सूची में नहीं होंगे उनकी सुरक्षा की भी व्यवस्था की गई है।एनआरसी की फाइनल लिस्ट के प्रकाशन से पहले असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोगों से कहा कि वे घबराएं नहीं राज्य सरकार अपनी नागरिकता साबित करने में उन लोगों को मदद करने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी जो वास्तव में भारतीय हैं।.                                           असम में तैयार हो रहे नागरिकता रजिस्टर पर अब BJP को ही भरोसा नहीं,  सोनोवाल ने इन लोगों को कानूनी सहायता मुहैया कराने का भी आश्वासन दिया, उन्होंने यह भी कहा कि शनिवार को प्रकाशित होने वाली एनआरसी की अंतिम सूची से यदि किसी का नाम बाहर रह जाता है, तो इसका यह अर्थ नहीं है कि वह विदेशी बन गया है। क्योंकि उचित कानूनी प्रक्रिया के बाद विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) ही इस संबंध में निर्णय ले सकता है। उन्होंने कहा, 'किसी को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है. सरकार सभी का ध्यान रखेगी।अंतिम सूची से जिनका नाम बाहर रखा जाएगा, उन्हें भी अपनी नागरिकता साबित करने का पूरा अवसर मिलेगा.' एनआरसी के असम प्रदेश समन्वयक प्रतीक हजेला को सोमवार को सत्तारूढ़ बीजेपी की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। दरअसल, भगवा पार्टी ने यह आशंका जताई है कि विदेशी नागरिक भी पंजीकरण में जगह पा लेंगे क्योंकि वह कथित तौर पर सिर्फ दो-तीन गठनों के परामर्श से समीक्षा प्रक्रिया कर रहे है।

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