SC ने फजीॅ खबरें रोकने के लिए नागरिकता कानुन के उद्देश्यों के प्रचार के लिए कहा ।19/12/19


देशकादपॅण.न्यूज:      Government
Should Publicize The Objectives Of Citizenship Law To Stop Fake News Says Supreme Court फर्जी खबरें रोकने के लिए नागरिकता कानून के उद्देश्यों का प्रचार करे सरकार: सुप्रीम कोर्ट न्यूज डेस्क, देशकादपॅण। नई दिल्ली Updated Thu, 19 Dec 2019  सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट - फोटो : ANI सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नागरिकता संशोधन कानून के उद्देश्यों, विषय व लाभ के व्यापक प्रचार प्रसार करने को कहा है ताकि इसको लेकर प्रसारित किए जा रही फर्जी खबरों पर लगाम लगाई जा सके। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की।  इस दौरान पीठ ने भाजपा नेता व वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय की दलील पर गौर करते हुए केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को कानून के उद्देश्यों का प्रचार प्रसार के माध्यम पर विचार करने का निर्देश दिया। उपाध्याय ने कहा था कि वह कानून के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसको लेकर लोगों में भ्रम है। इसे दूर किए जाने की आवश्यकता है। उपाध्याय ने पीठ को बताया कि वह दिल्ली के जामिया और सीलमपुर इलाके में गए थे, जहां कानून के विरोध में हिंसा भड़क गई थी। दोनों जगह उन्होंने पाया कि 95 फीसदी प्रदर्शनकारियों को कानून के बारे में सही जानकारी नहीं है। उन्हें लगता है कि यह कानून उनकी नागरिकता छीन लेगा। कुछ असामाजिक तत्व ऐसी फर्जी खबरें फैला रहे हैं। इस पर पीठ ने कहा कि उपाध्याय का आग्रह असामान्य लेकिन महत्वपूर्ण है। इस विचार किया जाना चाहिए। क्या आपको कोर्ट के आदेश की जरूरत है। इस पर वेणुगोपाल ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि हम इस पर विचार करने को तैयार हैं। इन्होंने दायर की हैं याचिकाएं कांग्रेस सांसद जयराम रमेश, टीएमसी सांसद मोइन मोइत्रा, एआईएमआईएम प्रमुख व सांसद असदुद्दीन ओवैसी, पीस पार्टी, रिहाई मंच व सिटीजन्स अगेन्स्ट हेट, एहतशाम हाशमी सहित समबॉयोसिस लॉ स्कूल छात्र, प्रद्योत देव बर्मन, जन अधिकार पार्टी, पूर्व उच्चायुक्त देव मुखर्जी, वकील एमएल शर्मा, एएएसयू व असम के नेता प्रतिपक्ष देवव्रत सैकिया समेत 59 ने याचिकाएं दायर की है। इनमें कहा गया है कि यह कानून संविधान की मूल भावना और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। यह समानता, धर्म के आधार पर विभेद न करने के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। कुछ याचिकाओं में इसे मुस्लिमों के साथ भेदभाव वाला बताया गया है। असम के पूर्व सीएम गोगोई वकील के तौर पहुंचे असम के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तरुण गोगोई बुधवार को वकील के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। 83 वर्षीय गोगोई तीन बार असम के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। गोगोई के बेटे और सांसद गौरव गोगोई ने ट्विटर पर वकील की पोशाक पहने पिता की तस्वीर भी शेयर की।                    www.deshkadarpannews.com.                

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