केन्द्र की गाइड लाइन का बिहार पर क्या होगा असर ।


www.deshkadarpannews.com.
केंद्र की गाइडलाइन का बिहार पर क्या असर? / अगर 20 अप्रैल तक कोई केस न मिला तो हमारे 26 जिलों में शुरू हो सकेंगी आर्थिक गतिविधियां प्रदेश में सिर्फ सीवान ही एक ऐसा जिला है जो हॉटस्पॉट की श्रेणी में है। प्रदेश में सिर्फ सीवान ही एक ऐसा जिला है जो हॉटस्पॉट की श्रेणी में है। केंद्र की सूची में बिहार से सीवान ही हॉटस्पॉट, यहां सख्ती और बढ़ेगी हॉटस्पॉट क्लस्टर कैटगरी में मुंगेर, गया और बेगूसराय, यहां थोड़ी ज्यादा सख्ती। देशकादपॅण.न्यूज, Apr 16, 2020, पटना. लॉकडाउन 2.0 के बारे में बुधवार को केंद्र ने जो गाइडलाइन जारी की उसके अनुसार बिहार के 26 जिलों में 20 अप्रैल के बाद जिंदगी काफी हद तक पटरी पर लौटती दिखेगी। शर्त यह है कि वहां अगले पांच दिनों में कोराना का एक भी मरीज सामने नहीं आए। इन जिलों में आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी। दुकानों के खुलने की अवधि नियंत्रित नहीं की जाएगी। आवाजाही पास आधारित नहीं होगी। प्रदेश में सिर्फ सीवान ही एक ऐसा जिला है जो हॉटस्पॉट की श्रेणी में है। हॉटस्पॉट मतलब सबकुछ बंद हॉटस्पॉट यानी लॉकडाउन में रंच मात्र भी छूट नहीं होगी। सबकुछ बंद। मुंगेर, बेगूसराय और गया को हॉटस्पॉट क्लस्टर कैटगरी में रखा गया है। यहां संपूर्ण जिला नहीं, जिले का चिह्नित इलाका जहां महामारी के मरीज पाए गए हैं और संक्रमण तेजी से नहीं फैला है। इन जिलों में प्रतिबंध हॉटस्पॉट की तुलना में थोड़े ढीले होंगे। बुधवार को कोरोना प्रभावित जिलों की श्रेणी में वैशाली भी जुड़ गया, यहां एक मरीज पॉजिटिव पाया गया। इससे पहले सीवान (29), मुंगेर (8), बेगूसराय(8), नालंदा (6), पटना (7), गया (5), नवादा (3), गोपालगंज(3), सारण(1), लखीसराय (1), भागलपुर(1) मरीज मिल चुके हैं। प्रत्येक सोमवार को होगीसभी जिलों में मरीजों की संख्या की समीक्षा राज्य में हॉटस्पॉट समेत सभी जिलों में मरीजों की संख्या की समीक्षा प्रत्येक सोमवार को होगी। यानी सात दिनों की अवधि में सब दुरुस्त रहा तो ठीक नहीं तो जिलों की श्रेणी बदल जाएगी। इस अवधि में मरीजों की संख्या दोगुनी हुई तो जिला या इलाके को हॉटस्पॉट यानी रेड जोन मान लिया जाएगा और वहां सभी प्रकार की छूट तत्काल प्रभाव से वापस ले ली जाएगी। दो सप्ताह तक यानी 14 दिनों तक किसी क्षेत्र या जिले में मरीज नहीं मिले तो उसे ऑरेंज जोन में तब्दील कर दिया जाएगा और वहां सीमित पैमाने पर छूट मिलेगी। यानी निर्धारित अवधि में जरूरी दुकानें खुलेंगी। लोग सामान खरीदने निकल सकेंगे। ऐसे आसकते हैं ग्रीन जोन में यदि 28 दिन तक कोई मरीज नहीं मिला तो इलाका ग्रीन जोन में बदल जाएगा और यहां किराना आदि दुकानें फुल टाइम खुलेंगी। आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी। लेकिन मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन अनिवार्य होगा। वैसे केंद्र सरकार ने राज्यों को हॉटस्पॉट खुद भी चिंहित करने की छूट दी है। हॉटस्पॉट हो या कोई भी सामान्य इलाका उसमें डोर-टू-डोर सर्वे कर न केवल कोरोना का परीक्षण होगा बल्कि इन्फ्लूएंजा (आईएलआई) और गंभीर सांस की बीमारी (एसएआरआई) के मरीजों की पहचान का काम जारी रहेगा । www.deshkadarpannews.com.

Comments

Popular posts from this blog

रानोली गणगौर स्टेडियम में दों दिवसीय गणगौर मेले का आगाज...* *पंचायत प्रसाशन की और से लगाऐं गए सीसीटीवी कैमरे...*

मण्डल रेल प्रबन्धक ने मंडलीय अधिकारियों संग किया बनारस - प्रयागराज रामबाग रेल खण्ड का विन्डो ट्रेलिंग निरीक्षण , दिए दिशा-निर्देश

उत्तर प्रदेश न्यूज़, मऊ में टीएसी टीम ने परखी सड़क निर्माण की गुणवत्ता