राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले लाॅकडाउन करना आसान लेकिन खोलना मुश्किल ।
www.deshkadarpannews.com. कोरोना वायरस
Lockdown: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत बोले, लॉकडाउन करना आसान; खोलना मुश्किल। देशकादपॅण.न्यूज, संवाददाता, जयपुर। Lockdown. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुताबिक, लॉकडाउन की घोषणा करना आसान है लेकिन उसे खोलना मुश्किल है। लॉकडाउन की घोषणा अचानक कर दी गई, सही तो यह होता कि तीन दिन पहले बता दिया जाता कि दिन से लॉकडाउन लागू किया जाएगा तो मजदूर अपने घर चले जाते। अन्य राज्यों के मजदूर अलग-अलग जगह फंसे हुए हैं। कोटा में कई राज्यों के 25 हजार स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं, वे अपने घर जाना चाहते हैं। अब भी मजदूरों और स्टूडेंट्स को उनके घर जाने की व्यवस्था करनी चाहिए। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि एक बार उन्हें उनके घर भेज दिया जाए।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन सहित अन्य फैसले जल्दबाजी में हो रहे हैं। पीएम नरेंद् मोदी ने रात आठ बजे अचानक रात 12 बजे से लॉकडाउन की घोषणा कर दी। गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के दूसरे फेज की गाइडलाइन भी अगर राज्यों को पांच दिन पहले भेज दी जाती तो ठीक रहता। राज्य सरकारें तैयारी कर लेतीं। उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल के बाद प्रदेश में मोडिफाइड लॉकडाउन लागू किया जाएगा। इसके तहत 49 हॉटस्पॉट और जिन इलाकों में पॉजिटिव केस मिले हैं, वे पूरी तरह से सील रहेंगे और वहां कोई गतिविधि नहीं होगी। जिन जिलों में एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला वहां और ग्रामीण इलाकों में फैक्ट्रियां शुरू की जा सकेंगी। रीको के औद्योगिक क्षेत्रों में कामकाज फिर से शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट और कोरोना प्रभावित इलाकों के लिए अलग नीति बनेगी एवं जहां इसका प्रभाव नहीं है उनके लिए अलग से नीति बनेगी।
उन्होंने कहा कि वैसे केंद्र की गाइडलाइन भी मोडिफाइड लॉकडाउन ही है। गहलोत बुधवार शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मनरेगा के काम शुरू किए जाएंगे। मनरेगा में मेटेरियल कंपोनेंट के स्थान पर लेबर कंपोनेंट काम कराए जाएंगे। मनरेगा में खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में ध्येय लेकर काम करेंगे। बारिश का मौसम देखते हुए पानी एकत्रित करने के काम कराए जाएंगे। सार्वजनिक निर्माण विभाग, जलदाय और सिंचाई विभाग के काम शुरू होंगे। मंडियों को खोल दिया गया है।
110 लोग आइसीयू में, दो वेंटिलेटर पर
गहलोत ने कहा कि मुंबई के बांद्रा की तरह कई स्थानों पर मजदूर फंसे हुए हैं। राजस्थान के जैसलमेर और जयपुर के सीतापुरा में भी मजदूर हैं, वे अपने घर जाना चाहते हैं। इन लोगों को घर भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए। जब फैक्ट्रियां चालू होंगी तो वे वापस आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। राज्य में 110 लोग आइसीयू में और मात्र दो लोग वेंटिलेटर पर हैं, बाकी मरीज आइसोलेशन में रखे गए हैंं। जयपुर के रामगंज में भी हालात काबू में हैं। हमारी सोच है कि अगर ज्यादा जांच करेंगे तो ज्यादा केस आएंगे। उन्होंने राज्यों को एक लाख करोड़ का पैकेज देने की अपनी मांग फिर दोहराई। उन्होने कहा कि लॉकडाउन से उद्योग धंधों एवं व्यापार पर फर्क पड़ा है, इन्हें सही ढंग से शुरू करने के लिए भी पैकेज कि व्यवस्था किया जाएगा । देशकादपॅण.न्यूज; राजस्थान ने प्रति दस लाख आबादी पर देश में सबसे ज्यादा सैंपल लिए, जहां सिर्फ 4 रोगी वहां भी 900 से अधिक जांचें
प्रति दस लाख आबादी के लिहाज से राजस्थान कोरोना की जांच करने के मामले में देश में पहले नंबर पर है। इतनी ज्यादा संख्या में सैंपल कहीं और नहीं लिए गए। प्रति दस लाख आबादी के लिहाज से राजस्थान कोरोना की जांच करने के मामले में देश में पहले नंबर पर है। इतनी ज्यादा संख्या में सैंपल कहीं और नहीं लिए गए। दो हाॅटस्पाॅट भीलवाड़ा और जोधपुर को देखें तो भीलवाड़ा में अब तक 28 पाॅजिटिव सामने आए, जबकि 4809 सैंपल टेस्ट किए
बांसवाड़ा भी कोरोना एपिसेंटर बन चुका है, यहां कुल 59 पाॅजिटिव आए और 731 सैंपल लिए गए हैं DeshkaDarpanNews, Apr 17, 2020, जयपुर. कोरोना को लेकर सबसे ज्यादा सैंपल लेने के मामले में राजस्थान देश में महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर है। हालांकि, यदि प्रति दस लाख आबादी के लिहाज से देखें तो राजस्थान सैंपल लेने में देश में पहले स्थान पर है। प्रति दस लाख लोगों पर राजस्थान की सैंपलिंग 360 है, जबकि दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 10 लाख आबादी पर 290 सैंपल ही लिए गए हैं।
अब तक राजस्थान में कुल 40,778 सैंपल लिए गए। इस सूची में महाराष्ट्र 52 हजार सैंपल्स के साथ पहले पर है। प्रदेश में जहां 2-4 मरीज भी पॉजिटिव आए, वहां भी अच्छी खासी संख्या में सैंपल लिए गए हैं। जैसे- उदयपुर में सिर्फ 4 रोगी मिले, वहां 910 सैंपल लिए जा चुके हैं।
जोधपुर में 116 पाॅजिटिव आए हैं, यहां 3865 लोगों की जांच हो चुकी
दो हाॅटस्पाॅट भीलवाड़ा और जोधपुर को ही देखें तो भीलवाड़ा में अब तक 28 पाॅजिटिव सामने आए हैं और वहां 4809 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। क्योंकि, अगर कम जांचें होतीं तो हालात बिगड़ सकते थे। जोधपुर में भीलवाड़ा से 4 गुना ज्यादा 116 कोरोना पाॅजिटिव सामने आ चुके हैं। यहां भी अब तक 3865 लोगों की जांच हो चुकी है।
बांसवाड़ा और टोंक में सैंपलिंग की रफ्तार बढ़ाने की जरूरत है
बांसवाड़ा भी बड़ा कोरोना एपिसेंटर बन चुका है। यहां कुल 59 पाॅजिटिव आए और 731 सैंपल लिए गए हैं। हालांकि, मरीजों की संख्या के लिहाज से यहां जांचें तेज करने की जरूरत है। क्योंकि, झुंझुंनूं में 35 केस ही आए हैं, लेकिन 3585 सैंपल लिए जा चुके हैं। टोंक में भी 71 मरीज सामने आ चुके हैं और 1683 की सैंपलिंग हो चुकी है।
सबसे ज्यादा सैंपलिंग में राजस्थान देश में दूसरे नंबर पर है : गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- प्रति दस लाख आबादी के लिहाज से राजस्थान कोरोना की जांच करने के मामले में देश में पहले नंबर पर है। इतनी ज्यादा संख्या में सैंपल कहीं और नहीं लिए गए। कुल सैंपलिंग के मामले में हम देश में दूसरे नंबर पर हैं। हम ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग करना चाहते हैं ताकि बीमारी फैल न सके। भरतपुर का एपिसेंटर बना बयाना / एक दिन में सबसे ज्यादा 22 नए पॉजिटिव केस सामने आए, शहर में भी पहली बार एक संक्रमित मिला । www.deshkadarpannews.com.
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