निर्विवाद उत्तराधिकारियों के नाम खतौनियों में दर्ज कराने हेतु 16 अगस्त से 16 अक्टूबर तक दो माह का चलाया जायेगा विशेष विरासत अभियान
निर्विवाद उत्तराधिकारियों के नाम खतौनियों में दर्ज कराने हेतु 16 अगस्त से 16 अक्टूबर तक दो माह का चलाया जायेगा विशेष विरासत अभियान
वाराणसी 21 अगस्त (पीएमए) शासन के निर्देशानुसार समस्त ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार को अभियान चलाकर खतौनियों में दर्ज कराये जाने के संबंध में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) विपिन कुमार ने तहसील सदर, पिंडरा एवं राजातालाब के उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदार को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि इसके लिए 16 अगस्त से 16 अक्टूबर तक दो माह का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने निर्देशित किया है कि शासन के निर्देशानुसार निर्विवाद उत्तराधिकारियों के नाम खतौनियों में दर्ज कराने हेतु चलाये जा रहे इस अभियान में व्यक्तिगत रुचि लेते हुए निर्देशों के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित कराये तथा संबंधित सूचना भी निर्धारित प्रारूप पत्र पर उपलब्ध कारण।
अविवादित वरासत दर्ज कराए जाने के संबंध में विशेष अभियान कार्यक्रम की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 16 से 31 अगस्त तक राजस्व/तहसील अधिकारियों द्वारा भ्रमण कर राजस्व ग्रामों में प्रचार-प्रसार तथा खतौनियों का पढ़ा जाना तथा लेखपाल द्वारा वरासत हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त कर उन्हें आनलाइन भरा जाना है, 1 से 15 सितंबर तक क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा परिषदादेश में दी गयी व्यवस्था लेखपाल द्वारा आनलाइन जाँच की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही किया जाना है, 16 से 30 सितंबर तक राजस्व निरीक्षकों द्वारा परिषदादेश में दी गयी व्यवस्थानुसार जाँच एवं आदेश पारित करने की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही किया जाना है तथा इसी अवधि में राजस्व निरीक्षक (कार्यालय) द्वारा राजस्व निरीक्षक के नामांतरण आदेश को आर-6 में दर्ज करने के पश्चात् खतौनी की प्रविष्टियों को भूलेख साफ्टवेयर में अद्यावधिक किया जाना है। उन्होंने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 से 5 अक्टूबर तक जिलाधिकारी द्वारा प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार तथा उप जिलाधिकारी से इस आशय का प्रमाण पत्र प्राप्त किया जायेगा कि उनके क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित राजस्व ग्रामों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज होने से अवशेष नही है। अभियान के अंतर्गत 06 से 13 अक्टूबर तक अभियान के अन्त में जिलाधिकारी द्वारा जनपद की प्रत्येक तहसील के 10 प्रतिशत राजस्व ग्रामों को रैण्डमली चिन्हित करते हुये अपर जिलाधिकारियों, उप जिलाधिकारियों व अन्य जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा इस तथ्य की जाँच करायी जायेगी कि निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई प्रकरण दर्ज होने से बचा नहीं है। कार्यक्रम के अंतर्गत 01, 15 व 30 सितंबर को जनपद की प्रगति रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में परिषद की वेबसाइट पर फीड किया जाना है तथा राजस्व परिषद द्वारा भी पाक्षिक रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी व 16 अक्टूबर तक जनपद से राजस्व परिषद को इस बाबत प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराया जाएगा।
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