उत्तर प्रदेश कुक्कुट विकास नीति - 2022 प्रारंभ

उत्तर प्रदेश कुक्कुट विकास नीति - 2022 प्रारंभ

गोरखपुर 3 सितम्बर (पी एम ए) मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि कुक्कुट उत्पाद में मांग के सापेक्ष उपलब्धता में अंतर को पूर्ण कर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने तथा निर्यातोन्मुखी बनाने के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करने की दृष्टि से प्रदेश सरकार द्वारा उ०प्र० कुक्कुट विकास नीति-2022 प्रारम्भ की गयी है।
      
             इस नीति में अंडा उत्पादन हेतु 10 हजार, 30 हजार व 60 हजार पक्षी क्षमता की कामर्शियल लेयर इकाई की स्थापना करने का प्रावधान है। इन इकाइयों की स्थापना की लागत क्रमशः 99.53 लाख रुपये, 256.69 लाख रुपये एवं 491.90 लाख रुपये आंकी गई है। इसके अलावा इस नीति के अंतर्गत चूजा उत्पादन हेतु 10000 हजार पक्षी क्षमता की ब्रायलर पैरेंट ईकाई (ब्रायलर चूजा उत्पादन हेतु)भी लगाए जाने जाने का प्रावधान है, जिसकी लागत 289.07 लाख रुपए होगी। उन्होंने बताया कि इस योजना में इकाई स्थापना हेतु आवेदक को उत्तर प्रदेश का निवासी होना अनिवार्य है। आवेदक के पास 10 हजार पक्षियों के कामर्शियल लेयर इकाई के स्थापना के लिए एक एकड़, 30 हजार पक्षी क्षमता के लिए 2.5 एकड़ तथा 60 हजार पक्षी क्षमता की कामर्शियल लेयर इकाई के लिए 4 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। यह भूमि आवेदक के नाम से या 10 वर्ष की रजिस्टर्ड लीज पर होना अनिवार्य है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने यह भी अवगत कराया कि इस योजना में चयनित आवेदक को सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की छूट दी जाएगी। स्थापित की जाने वाली इकाइयों का वित्त पोषण 30 प्रतिशत मार्जिन मनी तथा 70 प्रतिशत ऋण के अनुपात में होगा। योजना में इकाई स्थापना हेतु भूमि क्रय करने पर स्टाम्प ड्यूटी में शत प्रतिशत की छूट अनुमन्य है। योजना में स्थापित कुक्कुट इकाइयों के विद्युत बिल में 10 वर्षों तक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी की शत प्रतिशत प्रतिपूर्ति पशुपालन विभाग के बजट से की जाएगी।


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