अभाविप के 68वाँ राष्ट्रीय अधिवेशन मे होगा लघु भारत का दर्शन योगगुरु बाबा रामदेव एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान होंगे उद्घाटन के मुख्य अतिथि
अभाविप के 68वाँ राष्ट्रीय अधिवेशन मे होगा लघु भारत का दर्शन
योगगुरु बाबा रामदेव एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान होंगे उद्घाटन के मुख्य अतिथि
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 68वाँ राष्ट्रीय अधिवेशन महाराणा प्रताप के शौर्य से सिंचित प्रदेश राजस्थान के गुलाबी शहर कहे जाने वाले, जयपुर महानगर में 25 से 27 नवंबर को, जयपुर इंजीनियरिंग कॉलेज एवं रिसर्च सेंटर यूनिवर्सिटी में होने जा रहा है। विश्वविद्यालय परिसर को महाराणा प्रताप नगर नाम दिया गया है। इस नगर में विशाल सभागार का निर्माण किया गया है जिसका नाम गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर रखा गया है। अधिवेशन में ही प्रदर्शनी लगाई गई हैं जिसका नाम श्री गोविंद गुरु जी के नाम पर रखा गया है। ध्वज मंडप पर ही चित्तौडगढ़ किले की आकृति बनाई गई है।
इस अधिवेशन में देश के सभी प्रदेशों से छात्र, शिक्षक तथा शिक्षाविदों की सहभागिता रहेगी। अधिवेशन के एक
अंदर लघु भारत के अप्रतिम दर्शन होंगे जिनमें पूर्वोत्तर के नागालैंड, जम्मू कश्मीर के श्रीनगर और लद्दाख राज्य के कार्यकर्ता
भी अपने पारंपरिक परिधानों में उपस्थित होंगे
इस अधिवेशन में सम्मिलित प्रतिनिधि शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न परिवर्तनों की समसामयिक स्थिति पर चर्चा, संगठनात्मक लक्ष्यों का निर्धारण तथा देश के अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। अभाविप का राष्ट्रीय अधिवेशन शिक्षा तथा राष्ट्र जीवन से जुड़े विषयों पर विचार का गंभीर तथा रचनात्मक मंच है। वर्तमान समय में देश में आत्मनिर्भरता, स्वावलंबन आदि महत्वपूर्ण विषयों पर गंभीर विचार हो रहा है, अभाविप का यह महत्वपूर्ण आयोजन उपर्युक्त विषयों पर केन्द्रित रहेगा।
इस अभाविप अधिवेशन में कुल 5 प्रस्ताव पारित किए जायेंगे, जो शिक्षा संबंधी प्रस्ताव; पीएफआई पर भारत
सरकार द्वारा बैन लगाए जाने पर अभाविप के समर्थन को लेकर बिंदु, जी -200 की भारत देश द्वारा अध्यक्षता के क्रम में इस
मंच के माध्यम से विश्व को भारतीय मूल्यों से अवगत कराने आदि से संबंधित विषयों पर केन्द्रित हैं।
इस भव्य कार्यक्रम में अधिवेशन के प्रारंभ होने से लेकर पूर्ण होने तक अनेक महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम एवं बैठके क्रमशः रहेंगे,
जो निम्न हैं:
1. केन्द्रीय कार्यसमिति बैठक का आयोजन बुधवार (23 नवम्बर) 2. राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद गुरुवार (24 नवंबर) को आयोजित होगी साथ अधिवेशन की प्रदर्शनी का उद्घाटन
सायं को किया जाएगा।
3. 68वें राष्ट्रीय अधिवेशन के प्रथम दिन शुक्रवार (24 नवम्बर) को उद्घाटन सत्र रहेगा, जिसके मुख्य अतिथि योगगुरु बाबा रामदेव जी रहेंगे।
4. अधिवेशन के द्वितीय दिन शनिवार (26 नवंबर) को विशाल शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें राष्ट्रीय अधिवेशन में देश भर से आए विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता अपने राज्यों के पारंपरिक परिधानों में सुसज्जित होकर हिस्सा लेंगे। यह इस दिन के कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहेगा। तदोपरांत कॉलेज के ही अल्बर्ट हॉल में खुला अधिवेशन संपन्न होगा, जिसमे छात्र नेताओं के ओजस्वी भाषण होंगे। भाषणों का विषय "आत्मनिर्भर
एवं स्वावलंबी भारत" पर केंद्रित रहेगा।
5. अधिवेशन के अंतिम दिवस 27 नवंबर को प्रतिष्ठित प्राध्यापक यशवंत राव केलकर युवा प्रकार हेतु समारोह रहेगा। प्रतिवर्ष यह पुरस्कार एक युवा व्यक्ति को समाज जीवन में सराहनीय सेवा कार्य हेतु दिया जाता है। इस समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी होंगे जिनके द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इस वर्ष अभाविप का प्रतिष्ठित यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार, महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के युवा समाज सेवी
नंदकुमार पालवे को निराश्रितों और मानसिक रूप से दिव्यांगो को पोषण, स्वास्थ्य एवं स्नेह देकर उनका सम्मान जनक
पुनर्वास करने के उनके सराहनीय सेवा कार्य के लिए दिया जा रहा है। पुरस्कार में प्रोत्साहन राशि के रूप में 1 लाख रुपए एवं
प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।
राष्ट्रीय अधिवेशन प्रतिवर्ष की जाने वाली औपचारिकता मात्र या समारोह मात्र नहीं है। यह भारत के दृढ़ निश्चय, इच्छाशक्ति से पूर्ण युवा एवं छात्रों को राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ राष्ट्र सेवा की दिशा देने एवं इसी भाव के साथ समाज को नेतृत्व देने का कार्य करने का एक प्रभावशाली मंच है। राष्ट्रीय अधिवेशन में सम्मिलित होने वाले कार्यकर्ता, वर्ष भर देश में युवाओं के द्वारा राष्ट्र पुनर्निर्माण एवं समाज जीवन के उत्थान के लिए किए जाने वाले कार्यों का संकल्प एवं ऊर्जा लेकर अपने प्रांतों को वापस जाते हैं, और सामूहिकता की शक्ति के साथ अपने कार्यों, सहयोग एवं निर्णयों के माध्यम से समाज में इस सकारात्मक विकासशील ऊर्जा का प्रसार करते हैं। विश्वविद्यालय परिसर महाराणा प्रताप नगर नाम दिया गया है। इस नगर में विशाल सभागार का निर्माण किया गया है जिसका नाम गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर रखा गया है। अधिवेशन में ही प्रदर्शनी लगाई गई है जिसका नाम श्री गोविंद गुरु जी के नाम पर रखा गया है। ध्वज मंडप पर ही चित्तौडगढ किले की आकृति बनाई गई है।
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