8/1/19 , तीन राज्य खोने के बाद भाजपा ने चला बड़ा चुनावी दांव,8 लाख से कम सालाना आय वाले सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण; मुस्लिम समेत सभी दायरे में!
बिल पास करने के लिए संसद का 1 दिन बढ़ाया गया; नई दिल्ली , मोदी सरकार ने जनरल कैटेगरी के लोगों को आर्थिक आधार पर शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण देने का फैसला किया है, इसमें स्वर्णो के अलावा मुस्लिम और अन्य धर्मों के लोग भी शामिल होंगे, आरक्षण के लिए परिवार की अधिकतम सालाना आय ₹8 लाख रुपए तय की गई है , आर्थिक आधार पर आरक्षण का प्रावधान जोड़ने के लिए सरकार संसद में संविधान संशोधन बिल पेश करेगी , मंगलवार को संसद का आखिरी दिन है, इसलिए राज सभा का सत्र बुधवार तक बढ़ा दिया गया है, माना जा रहा है कि सरकार ने कदम एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटा जाने से नाराज सवर्णों को लुभाने के लिए उठाया है, इसका खामियाजा पार्टी के हाल में ही इसका खामियाजा पार्टी के हाल ही में मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता गवा कर भुगतना पड़ा था, लोक़ सभा चुनाव से ठीक पहले हुए इस फैसले से विभिन्न वर्गों का कुल आरक्षण 49.5 से बढ़कर59.5 प्रतिशत हो जाएगा, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की अधिकतम सीमा 50% कर रखी है! आरक्षण के लिए पांच प्रमुख मापदंड बनाए गए हैं, 1, परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए, 2, परिवार के पास 5 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि नहीं हो, 3, म्युनिसिपालिटी एरिया में 100 गज से बड़ा घर ना हो, 4, आवेदक के पास 1000 वर्ग फीट से बड़ा फ्लैट ना हो, 5, नान नोटिफाइड म्युनिसिपालिटी मैं 200 गज से बड़ा घर ना हो, आपको बता दें की राजस्थान स्वर्ण आरक्षण बिल दो बार पास, दो कमेटी बनी, फिर भी अटका! 2008 में भाजपा सरकार ने सवर्णों के लिए 14 प्रतिशत आरक्षण बिल पास हुआ,5 दिन के लिए लागू हुआ, कोर्ट में चुनौती के बाद अटक़ गया! 2012 में गहलोत सरकार ने कमेटी बनाई, इसकी रिपोर्ट आई लेकिन आगे कुछ नहीं हुआ, 2015 में फिर कमेटी बनी 14% आरक्षण बिल दोबारा पास हुआ लेकिन, सरकार लागू नहीं कर सकी !
स्वर्ण समाज से जुड़े संगठनों ने कहा 10% नहीं 14% चाहिए आरक्षण गरमाई राजनीति , ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने कहा कि 10% की जगह 14% स्वर्ण आरक्षण होना चाहिए, ऐसी व्यवस्था होती है यह चुनावी लाली पॉप नहीं बन जाए, इसके लिए केंद्र को अलग से विशेष सत्र बुलाकर संविधान में संशोधन करना होगा , ऐसा नहीं हुआ तो कोई भी व्यक्ति कोर्ट में जाकर इसे चुनौती दे सकता है , राजपूत समाज के संगठन करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने कहा कि सवर्ण आरक्षण का स्वागत है, लेकिन इसे 14 प्रतिशत किया जाना चाहिए , इसके अलावा एससी एसटी एक्ट में हुआ संशोधन केंद्र वापस ले, आरक्षण व्यवस्था का प्रीव्यू हो , आनंदपाल एनकाउंटर केस में हुए आंदोलन में फंसे 12000 लोगों पर दर्ज केस वापस हो, तो राजपूत समाज लोकसभा में बीजेपी के साथ खड़ा मिलेगा, गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने कहा कि संविधान संशोधन कराएं, गुर्जरों को नजरअंदाज नहीं करें ; आर्थिक आधार पर सवर्णों के आरक्षण दिए जाने की मनसा अच्छी बात है लेकिन केंद्र खुद के संविधान की अनुसूचिया में संशोधन करना चाहिए, क्योंकि यह मामला कोर्ट में फसना तय है , इंदिरा साहनी के जजमेंट को इग्नोर नहीं किया जा सकता, हमारी मांग है कि गुजरो के लिए भी प्रदेश में अलग आरक्षण की व्यवस्था केंद्र कराएं , आरक्षण आंदोलन की लड़ाई में अब तक समाज के 72 लोग मारे गए हैं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार 14% आरक्षण देने की कोशिश की थी, 14% आरक्षण मिलना चाहिए ! कांग्रेस पार्टी ने आरक्षण का समर्थन किया है! कांग्रेस ने कहा सरकार ने 4 साल 8 महीने तक यह क्यों नहीं सोचा? आचार संहिता लागू होने से सिर्फ 3 महीने पहले यह चुनावी नौटंकी है, आप ने कहा चुनाव से पहले भाजपा सरकार संसद में संविधान संशोधन करें हम साथ देंगे नहीं तो यह चुनावी स्टंट कहलायेगा! आपको बता दें कि अभी आर्थिक आधार पर कोई आरक्षण नहीं है, संविधान में संशोधन कर अनुच्छेद 15, 16 , इस में जोड़ा जाएगा ! एस सी 15%, एस टी को 7.5 प्रतिशत और ओबीसी को 27% आरक्षण दिया जा रहा है, अभी सावण, मुस्लिम, सिख , इसाई सहित किसी भी धर्म को आरक्षण नहीं मिलता है! आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि 50% से ज्यादा आरक्षण नहीं हो सकता! इसलिए संविधान में संशोधन जरूरी है!
Comments
Post a Comment