सीतापुर उत्तर प्रदेश,, भवन जर्जर होने के कारण विद्यालय किया गया बंद बच्चे इधर-उधर घूमने को हुए मजबूर।

भवन जर्जर होने के कारण विद्यालय किया गया बंद बच्चे इधर-उधर घूमने को हुए मजबूर।



रिपोर्ट राकेश पाण्डेय/देश का दर्पण जनपद सीतापुर उत्तर प्रदेश

सीतापुर। एक तरफ सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान चलाकर सभी को शिक्षित करने की मुहिम छेड़ रखी है, वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते विद्यालय भवन जर्जर हो जाने के कारण विद्यालय को बिल्कुल बंद कर दिया गया है और वहां तैनात शिक्षकों को बीआरसी से संबद्ध कर दिया गया। इस प्रक्रिया के बाद विद्यालय में अध्ययनरत शिक्षार्थी इधर-उधर घूमने को मजबूर हो गए। वहीं संपन्न घराने के लोगों ने अपने पाल्यो का प्रवेश प्राइवेट शिक्षण संस्थान में करा दिया और गरीब बच्चे को गांव में इधर-उधर घूमने को विवश हैं।
 जानकारी के अनुसार जिले के हरगांव विकास खण्ड के अन्तर्गत विकास खण्ड की बड़ी ग्राम पंचायत परसेहरा माल में एक राजकीय प्राथमिक विद्यालय था इस विद्यालय का निर्माण काफी समय पूर्व हुआ था जिस कारण यह विद्यालय पूरी तरह से जर्जर हो गया है और इस पर जर्जर भवन का बोर्ड लटका कर विद्यालय को पूरी तरह से बन्द कर दिया गया। वैसे भी ग्राम पंचायत की आबादी अधिक होने के कारण वर्तमान समय में एक विद्यालय ऊंट के मुंह में जीरे के समान था। वह भी बंद कर दिए जाने के बाद नौनिहालों के आगे शिक्षा का संकट उत्पन्न हो गया है जिससे सर्व शिक्षा अभियान को बट्टा लग रहा है।
     बताते हैं यह विद्यालय पूर्व से आदर्श इंटर कॉलेज पर सेहरा माल के एक किनारे पर राजकीय सहायता से निर्मित कराया गया था। प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर हो जाने पर इंटर कॉलेज की प्रबंध कमेटी को अपने छात्रों के असुरक्षित होने का खतरा महसूस होने लगा है।
     इस सम्बन्ध में जब ग्राम प्रधान अमित सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एक बंडल से अधिक प्रस्ताव स्कूल मरम्मत निर्माण के बाबत जिम्मेदारों को दिए जा चुके हैं कहीं कोई सुनने वाला नहीं है, ग्रामीणों के बताने के अनुसार सबसे बड़ी विडंबना तो यह है कि लगभग सात सौ मतदाताओं एवं एक हजार की आबादी वाले परसेहरामाल गांव के विद्यालय को बंद कर यहां के विद्यार्थियों को एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राथमिक विद्यालय खजुहा से सम्बद्ध कर दिया गया है। यदि इन विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन स्टेशनरी स्कूल ड्रेस आदि वितरण की व्यवस्था ना हो तो कोई प्रवेश लेने वाला नहीं है ऐसे में अब यहां अध्ययनरत शिक्षार्थियों को एक किलोमीटर दूर सम्बद्ध कर दिया गया है तो ऐसे में बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल पाना कैसे सम्भव हो सकेगा।यह तो सरकार की मंशा पर कुठाराघात है। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए अब बच्चों को जिले के मुखिया के समक्ष पेश करना ही एक विकल्प समझ में आ रहा है। तब शायद जिला अधिकारी शिक्षा की धारा से विलग होने की कगार पर खड़े बच्चों पर तरस खाकर जर्जर विद्यालय भवन के निर्माण बाबत कोई कदम उठा लें। 
    बच्चों की बेहतर शिक्षा को ध्यान में रखते हुए ग्राम प्रधान सहित प्रबुद्ध जनों ने प्राथमिक विद्यालय परसेहरा -माल के जर्जर भवन के स्थान पर नया भवन बनवाकर तत्काल विद्यालय संचालित कराये जाने की मांग की है, ताकि यहां के नौनिहाल शिक्षा की मुख्य धारा से अलग होने से बच सकें।

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