जयपुर, 18 जुलाई ।,,सरकार की वादाखिलाफी से राज्य कर्मचारियों में आक्रोश, महासंघ (एकीकृत) ने बुलाई 26 जुलाई को महासमिति की बैठक*
*सरकार की वादाखिलाफी से राज्य कर्मचारियों में आक्रोश, महासंघ (एकीकृत) ने बुलाई 26 जुलाई को महासमिति की बैठक*
जयपुर, 18 जुलाई । कांग्रेस के जन घोषणा पत्र -2018 में कर्मचारियों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने से राज्य कर्मचारियों में काफी नाराजगी है।
एक बयान में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि घोषणापत्र में कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने एवं संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का सरकार ने वादा किया था। लेकिन साढ़े चार साल के बाद भी गहलोत सरकार ने ना तो कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर किया है और नहीं संविदा कर्मचारियों को नियमित किया है। इससे कर्मचारियों में काफी आक्रोश है। गौरतलब है कि वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए श्री डी सी सामंत की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति निवारण समिति की रिपोर्ट 5 अगस्त 2019 को राज्य सरकार को प्राप्त हो चुकी है। वही इस कमेटी की रिपोर्ट के परीक्षण के लिए बनाई गई श्री खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में गठित वेतन विसंगति परीक्षण समिति की रिपोर्ट भी 30 दिसंबर 2022 को राज्य सरकार को प्राप्त हो चुकी है। अब जबकि दोनों ही रिपोर्ट सरकार के पास है फिर भी राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने के वादा पूरा नहीं किया जा रहा है।
राठौड़ ने बताया कि संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का भी घोषणा पत्र में वादा किया गया था। लेकिन सरकार ने उस वादे को भी पूरा नहीं किया है। इससे प्रदेश के हजारों संविदा कर्मी आज भी नियमित होने का इंतजार कर रहे हैं। संविदा कर्मियों को नियमित करने की मांग को लेकर संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा के आव्हान पर सोमवार को प्रदेश से आए हजारों संविदा कर्मियों को पुलिस के द्वारा जबरन हटाने को महासंघ ने कर्मचारियों का दमन बताया है।
राठौड़ ने बताया कि कर्मचारियों के आक्रोश को देखते हुए अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) ने 26 जुलाई 2023 को प्रदेश महा समिति की जयपुर में एक आपात बैठक बुलाई है।
इस बीच राठौड़ ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण शीघ्र खोलने की मुख्यमंत्री से मांग की है।
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