13/12/18 कांग्रेस ने चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए दिनभर ड्रामा चला
दिन भर के विधायकों के बैठक के बाद भी मुख्यमंत्री का फैसला नहीं हो पाया! सुबह 10:00 से लेकर शाम 6:00 बजे तक सचिन पायलट के नामों का नारा चलता रहा, कांग्रेस के कार्यकर्ता के यह नारा लगा रहे थे कि हमारा नेता कैसा हो सचिन पायलट जैसा हो, कुछ लोग आई लव यू आई लव यू आई लव यू सचिन आई लव यू के नारे लगा रहे थे, एक व्यक्ति ऐसा भी था जो अपने खून से लिख कर लाया था कि सचिन को मुख्यमंत्री बनाया जाए इसलिए माना जा सकता है कि यह सब प्लानिंग था शाम को 6:00 बजे के बाद पीसीसी से आकर मना कर गया! उसके बाद नारे बंद हो गए इस बीच सिर्फ एक या दो व्यक्तियों ने गहलोत के नाम का नारा लगाया! माना जा रहा है कि अगर गहलोत चाहते तो ऐसा कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया! यही अंतर है गहलोत और सचिन पायलट में, वैसे दोनों नेता ही मुख्य मंत्री बनने के काबिल है! अगर सचिन चाहते तो नामों का नारा नहीं लगता! आपको बता दें की विधायक दल की बैठक को छोड़कर विश्वेंद्र सिंह चले गए उन्होंने कहा कि जब फैसला दिल्ली में ही होना है तो यहां बैठक क्यों फैसला नहीं कर पा रहे हो तो टास से तय कर लो मुख्यमंत्री! दावेदारी मुख्यमंत्री पद से कम पर ना सचिन मान रहे हैं ना गहलोत ! आखिरकार पर्यवेक्षकों के नाम तय करने के लिए विधायकों से पर्ची लेकर आलाकमान पर छोड़ दिया फैसला, इस बीच नंबर का भी गेम चला, गहलोत ने बागियों का समर्थन दिखाया तो सचिन पायलट के समर्थन में बसपा नेता का वीडियो आया समर्थन की बात कही , और फिर अंत में आलाकमान पायलट और गहलोत दोनों को दिल्ली बुलाया, दोनों ने कहा राहुल का फैसला मानने को हम तैयार, फैसला नहीं होने के कारण सुबह 10:00 बजे से लेकर रात को 8:00 बजे तक पीसीसी और राजभवन के चक्कर लगाते रहे , मीडिया से बात करने के लिए बाहर में टेबल भी लगाया गया लेकिन फैसला नहीं होने के कारण दूसरे गेट से सचिन और गहलोत अपने विधायकों के साथ दूसरे गेट से चले गए राज भवन पत्रकार इंतजार करते रह गए, रात को 8:00 बजे राजपाल को सरकार बनाने का दावा पेश किया गया
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