22/12/12, शहाबुद्दीन केस में 13साल बाद उदयपुर के छह पुलिसकर्मी सहित 22 आरोपी बरी
विशेष सीबीआई कोर्ट ने कई मामलों में आरोपी साबुद्दीन शेख और उसके सहयोगी तुलसीराम प्रजापति के फर्जी एनकाउंटर और उसके सहयोगी तुलसीराम प्रजापति के फर्जी एनकाउंटर तथा को कौसर बी की हत्या के मामले में शुक्रवार को करीब 13 साल बाद फैसला सुनाया है कोर्ट ने इस मामले में उदयपुर के 6 पुलिसकर्मियों सहित 22 आरोपियों को बरी कर दिया है, विशेष सीबीआई जज एस जे शर्मा ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष हत्या की साजिश या आरोपित व्यक्तियों की भूमिका की कड़ी जोड़ने की कोशिश में असफल रहा है, कोर्ट ने हत्या को लेकर दुख भी व्यक्त किया, शहाबुद्दीन के 3 दिन बाद पत्नी मारी गई सीबीआई ने कहा था कि सोहराबुद्दीन 22 नवंबर 2005 को पत्नी कौसर व सहयोगी तुलसीराम प्रजापति के साथ हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहा था, गुजरात पुलिस ने उन्हें अगवा किया और 26 नवंबर 2005 को सोहराबुद्दीन की अहमदाबाद के पास हत्या व 19 नवंबर को कौसर बी की बनासकांठा में दुष्कर्म के बाद हत्या 27 दिसंबर 2006 को तुलसीराम को गुजरात व राजस्थान पुलिस ने काउंटर ने मारा, आपको बता दें अमित शाह डीजी वंजारा व गुलाबचंद कटारिया पहले ही बरी हो चुके हैं, मामले में कुल 38 आरोपी थे , 16 आरोपियों को विशेष सीबीआई कोर्ट और उसके बाद मुंबई हाई कोर्ट ने 2014 में बरी कर दिया था, इसमें गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री अमित शाह, राजस्थान के तत्कालीन गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया , ए टी ए एस अधिकारी व डीआईजी डीजी बंजारा, एडिशनल एसपी एमएन दिनेश और आर के पांडे सहित और भी लोग शामिल थे !
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