21/12/18, लोकसभा में 32 साल बाद आया उपभोक्ता संरक्षण बिल पास, गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर रोक लगेगी 2 साल की होगी सजा! 10 लाख तक जुर्माना लगेगा, अपराध दोबारा करने पर 5 साल तक सजा बढ़ेगी
संसद के शीत सत्र के दौरान गुरुवार को दोनों सदनों में कामकाज बाधित हुआ, जबकि लोकसभा में हंगामे के बीच उपभोक्ता संरक्षण बिल 2018 ध्वनि मतों से पास हो गया उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने इस बिल परचर्चा का जवाब दिया, पासवान ने कहा कि बिल में उपभोक्ता के हितों के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं, इससे गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर रोक लगेगी, झूठे या भ्रामक प्रचार करने वाले वा प्रदाता और निर्माताओं को रोक लगेगी, और 2 साल की सजा होगी तथा 10 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगेगा, अपराध दोबारा करने पर सजा 5 साल तक बढ़ाई जाएगी, जुर्माना ₹50 लाख रुपए तक कर दिया जाएगा, उपभोक्ता संरक्षण कानून 1986 से है पिछले 32 साल में स्थिति बहुत बदली है, लेकिन कानून पुराना ही था इसलिए उपभोक्ता संरक्षण बिल 2018 लाने का फैसला किया गया, लोकसभा में राष्ट्रीय ऑटिज्म, सेरेब्रल पॉलिसी, मन बुद्धि और बहु विकलांगता कल्याण ट्रस्ट संशोधन बिल2018 भी पास हुआ है, सरकार का दावा है कि विधेयक से संधि ढांचे का को नुकसान नहीं होगा , पासवान ने कहा कि बिल से नुकसान नहीं होगा, सरकार केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण( सीसीपीए) बनाएगी यदि जिला और राज्य फोरम उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाता है तो आरोपी राष्ट्रीय फोरम में नहीं जा सकेगा, पासवान ने कहा कि स्थाई समिति ने भ्रामक विज्ञापन में दिखने वाली सेलिब्रिटीज को जेल की सिफारिश की थी लेकिन बिल में केवल जुर्माना का प्रावधान है, विपक्ष ने मांग कीर्थी की जिला फोरम में नियुक्ति का हक राज्यों को मिले, तृणमूल कांग्रेस की प्रतिमा मंडल ने कहा कि विधेयक केंद्र सरकार को राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार देता है, हालांकि यह बिल में स्पष्ट नहीं है, आयोग में न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति होगी या नहीं बीजद के तथागत ने कहा कि राज उपभोक्ता फोरम में नियुक्ति का अधिकार राज्यों को मिले केंद्र सरकार संघीय ढांचे में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए,
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