दुर्गा मंदिरों में सुबह से लगी कतार श्रद्धालुओं ने की पूजा नवरात्र प्रारंभ होने पर सभी ने अपनी मां को अपने अपने तरीके से मनाने की आराधना शुरू की
दुर्गा मंदिरों में सुबह से लगी कतार श्रद्धालुओं ने की पूजा
नवरात्र प्रारंभ होने पर सभी ने अपनी मां को अपने अपने तरीके से मनाने की आराधना शुरू की
ज्ञान प्रकाश तिवारी
देश का दर्पण
रायबरेली
जनपद रायबरेली के सभी प्रतिष्ठित मंदिरों में मनसा देवी,प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर शंकरपुर में सोमवार नवरात्रि के अवसर पर हजारों श्रद्धालु सुबह से शाम तक पूजन अर्चन के लिए आते रहे। मां से मन मांगी मुराद लेकर अपने घरों को जाते हैं। मां के दर्शन करने के लिए मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ी लोगों ने पूरी आस्था के साथ मां की पूजा अर्चना की। लंबी लंबी लाइन में लगकर भक्तों ने अपनी बारी का इंतजार किया। वही सभी भक्तों ने मंदिर पहुंचकर मां दुर्गा की पूजा अर्चना की। श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर में सच्चे दिल से पूजा करने वालों की मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं। ज्यादातर क्षेत्रवासी मंदिर पर ही कलश स्थापित कर पूजन अर्चन करते हैं। भोर होते ही माता के श्रद्धालु पूजन अर्चन को आने लगते हैं। फिर यह सिलसिला रात 8:00 बजे तक चलता है। बुजुर्गों द्वारा कहा जाता है कि शंकरपुर में स्थित यह मंदिर सन 1857 के महानायक राना बेनी माधव बक्स सिंह के पूर्वजों द्वारा कुलदेवी के रूप में मंदिर की स्थापना करवाई गई थी। उनके पूर्वजों के बाद राना बेनी माधव बक्स सिंह इसी दुर्गा मंदिर में पूजन अर्चन करते थे। पूजा के समय तलवार अपने बगल में रखकर पूजा करते थे। पूजा की समाप्ति पर मां दुर्गा के आशीर्वाद से वह तलवार उनके हाथ में आ जाती थी। दुर्गा मां की कृपा से उन्हें वरदान प्राप्त था कि युद्ध में उन्हें कोई परास्त नहीं कर सकता। यह बात आज भी बुजुर्गों द्वारा सुनने को मिलती है। दूर-दूर से माता के श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं। नवरात्रि के समय हजारों की भीड़ उमड़ती है। बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के हर व्यक्ति मां के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करता है। मन मांगी मुराद लेकर श्रद्धालु अपने घरों को जाते हैं। मंदिर प्रांगण में ही श्रद्धालु हवन पूजन करते हैं और कुछ श्रद्धालुओं द्वारा कन्याओं को भोजन कराया जाता है। यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है जिसका आज भी माता के श्रद्धालु पालन करते हैं।
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