जिला डूंगरपुर से मातृशक्ति प्रकोष्ठ मे श्रीमती प्रीती पंड्या बनी उदयपुर संभाग की प्रदेश संगठन मंत्री
*जिला डूंगरपुर से मातृशक्ति प्रकोष्ठ मे श्रीमती प्रीती पंड्या बनी उदयपुर संभाग की प्रदेश संगठन मंत्री
गौसेवा महिला सम्मान सर्व ब्राह्मण एकता एसोसिएशन (कार्यक्षेत्र संपूर्ण भारत) के माननीय संरक्षक राष्ट्रीय प्रभारी अध्यक्ष श्री पं. रमाशंकर गौतम एवं माननीय वरिष्ठ संरक्षक श्री संत सेवकदास जी महाराज की सहमति से, माननीय राष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्री विजय प्रकाश जोशी जी की अनुकंपा एवं राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीमती उपमा भट्ट (मातृशक्ति प्रकोष्ठ) की अनुशंसा पर
मातृशक्ति प्रकोष्ठ प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए मूलनिवासी राजस्थान के
जिला डूंगरपुर से श्रीमती प्रीती पंड्या/ श्री मुकेश पंड्या ( डूंगरपुर ) को गौसेवा महिला सम्मान सर्व ब्राह्मण एकता एसोसिएशन की प्रदेश संगठन मंत्री उदयपुर संभाग ( मातृशक्ति प्रकोष्ठ) पर नियुक्त किया है ।
पदभार सोपते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित रमाशंकर गौतम ने कार्यकारिणी गठित करने के निर्देश दिए हैं कहा कि जल्दी ही प्रदेश में मातृशक्ति प्रकोष्ठ की कार्यकारिणी का गठन करके संगठन को मजबूती प्रदान करें। पंडित रमाशंकर गौतम ने बताया की पावन पर्व नवरात्रि की प्रथम स्थापना दिवस पर मातृशक्ति को मजबूती के साथ आगे विस्तार करते हुए कार्यकारिणी का गठन किया जा रहा है।
संपूर्ण प्रदेश की मातृशक्ति को संस्था आह्वान करती है कि आप अधिक से अधिक संख्या में संस्था समाज के संगठन के साथ जोड़कर मातृशक्ति की एकता का परिचय देने का सहयोग प्रदान करें। प्रीति पंड्या जी ने आभार व्यक्त करते हुए कहां
मुझे सर्व ब्राम्हण एकता एसोसिएशन का ,प्रदेश संगठन मंत्री उदयपुर संभाग (मातृ शक्ति प्रकोष्ठ) के पद पर मनोनीत जिस विश्वास से किया गया है, उसके लिए में अपने संभाग की सर्व महिला ब्राम्हण को एकता की माला में पिरोकर एकता के सूत्र में संगठित करते हुए सर्व ब्राम्हण समाज को आर्थिक ,सामाजिक ,शैक्षिक तथा धार्मिक क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से अपनी सेवाएं देते हुए राजनीति क्षेत्र में भी हमारे मातृ शक्ति को आगे लाने के लिए सतत प्रयत्नशील रहूंगी .
ब्राम्हण ने केवल अपने समाज को ही नही सर्व समाज को जोड़ने का कार्य किया है ।
गो सेवा तो ब्राह्मण स्वभाव में है।अतः हम आजीवन गो माता की सेवा के लिये सहयोग देते रहे जिसमे पूरे 33 करोड़ देवी -देवता निवास करते है।
जय परशुराम।
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