आखिरकार नगरपालिका की शाम को हुई बैठक, 30 करोड़ के विकास कार्य स्वीकृत* बैठक को लेकर विरोध जता रहे पार्षद नहीं हुए शामिल


*आखिरकार नगरपालिका की शाम को हुई बैठक, 30 करोड़ के विकास कार्य स्वीकृत*
बैठक को लेकर विरोध जता रहे पार्षद नहीं हुए शामिल

*देश का दर्पण न्यूज । चौमू ( पंकज बागड़ा )*
नगरपालिका बोर्ड की बैठक को लेकर सोमवार को दिनभर ऊहापोह की स्थिति के बाद चेयरमैन विष्णु सैनी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। इस दौरान अब तक चेयरमैन सैनी की कार्यशैली को लेकर विरोध जता रहे पार्षद बैठक से नदारद रहे। उन्होंने इस बैठक का बहिष्कार रखा। इधर स्वायत शासन विभाग के डायरेक्टर के आदेशों के बाद कार्यवाहक ईओ लोकेश की मौजूदगी में नगरपालिका के प्रत्येक वार्ड में 50 लाख रुपए की लागत से विकास कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई। गौरतलब है कि नगर पालिका चौमू में बोर्ड की बैठक को लेकर पार्षदों का एक धड़ा चेयरमैन की कार्यशैली का विरोध जता रहा था। उनका कहना था कि बैठक को लेकर जो एजेंडा तैयार किया। इसमें उनकी कोई सहमति नहीं ली है, क्योंकि एजेंडे की कॉपी भी एक-दो दिन पूर्व ही दी गई। जो नियमानुसार 6 दिन पहले दी जाती है। नगरपालिका के 25 पार्षदों ने बोर्ड की बैठक के मामले में कार्यवाहक व तहसीलदार सज्जन लाठा को ज्ञापन सौंपकर बैठक को स्थगित करने की पुरजोर मांग उठाई थी।
*पार्षदों ने जताया विरोध*
बैठक से नदारद रहने वाले पार्षदों ने चेयरमैन पर एक बार फिर मनमानी करने का आरोप लगाया है। वार्ड नंबर 3 पार्षद ममता टोडावता ने कहा कि यह बैठक नियमानुसार नहीं हुई। जिनके पास ईओ का चार्ज था। वे एक कार्मिक को चार्ज दे करके चले गए। सुबह पार्षद 10 बजे से बैठक को लेकर इंतजार कर रहे थे, लेकिन नगरपालिका अध्यक्ष बैठक में आए नहीं। शाम को बिना सूचना 4 बजे बैठक बुलाई गई। जो नियमों के विपरीत है। इस बैठक का पार्षद विरोध कर रहे है।
चौमूं लंबे समय अंतराल से प्रस्तावित नगरपालिका बोर्ड की बैठक आखिरकार एक बार फिर सोमवार को उहापोह की स्थिति बनी रही।नगर पालिका में शहर का प्रतिनिधत्व करने वाले 45 वार्ड पार्षदों में 25 पार्षद बोर्ड बैठक के बहिष्कार के पक्ष में रहे। इससे पूर्व भी रविवार को उन्होंने नगरपालिका के कार्यवाहक ईओ और तहसीलदार सज्जन लाटा को ज्ञापन सौंपकर बोर्ड बैठक का बहिष्कार करने की मांग की थी। हालंकि नगरपालिका चेयरमैन विष्णु सैनी बोर्ड बैठक को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थे, लेकिन सोमवार को तय समय पर वे भी बोर्ड बैठक में नहीं पहुंचे। प्रारंभिक जानकारी में सामने आया कि चेयरमैन विष्णु सैनी पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी के साथ इस मामले में डीएलबी डायरेक्टर के पास पहुंच गए। जबकि बैठक के आयोजन को लेकर पार्षद 12.30 तक नगरपालिका में मौजूद रहे। बाद में चेयरमैन विष्णु सैनी पर हठधर्मिता का आरोप लगाते हुए करीब 27 पार्षद भी जयपुर डीएलबी डायरेक्टर के पास पहुंच गए। नाराज चल रहे पार्षदों का आरोप है कि नियम अनुसार बैठक के एजेंडे को लेकर एजेंडे की कॉपी ने 6 दिन पूर्व दी जानी चाहिए। जो उन्हें 1-2 दिन पूर्व मिली। इसी तरह एजेंडा तय करने से पहले पार्षदों की राय और सुझाव लेना जरूरी था। चेयरमैन ने केवल स्वयं के स्तर पर ही बैठक का एजेंडा तय कर लिया।
*कई अहम प्रस्ताव जिन पर होना है निर्णय*
नगरपालिका बोर्ड बैठक में शहर की विभिन्न समस्याओं से जुड़े मुद्दों पर अहम निर्णय लिए जाने थे। जिनमे सभी वार्डो में 50-50 लाख रुपए की लागत से सड़क, नाला नलियों का निर्माण, शादी और अन्य समारोह में ऑटो टिपर खड़ा कराने पर न्यूनतम राशि तय करने, खुले नालो पर फेरोकवर लगाने, रावला चौक स्कूल के सामने विश्राम गृह, पुस्तकालय बनवाने, चौपड़ सामोद रोड पक्के बंधे और रावण गेट के पास सुलभ शौचालय बनवाने, थाना मोड़ चौराहे से आमलियो तक सड़क पर डिवाइडर का नवीनीकरण कराने, आमलिया से पालिका सीमा तक पुराने हाईवे पर नए डिवाइडर का निर्माण करवाना और कोटे के चारों दरवाजों की मरम्मत, पार्कों का सौंदर्यकरण, सौंदर्य के लिए 70 लाख रुपए की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी करवाने निविदाएं जारी कराने सहित अन्य विकास कार्यों को लेकर मंथन होना था। 
*नगरपालिका अध्यक्ष का कहना*
नगरपालिका अध्यक्ष विष्णु सैनी ने बताया कि आज डीएलबी गया था, नगरपालिका बोर्ड की बैठक सोमवार सांय 4 बजे बुलाई गई। कुछ पार्षद है जो क्षेत्र के विकास कार्यों में बाधक बने हुए हैं।

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