बाल विवाह मुक्त भारत सुरक्षित बचपन, सुरक्षित भारत, कार्यक्रम आयोजित
बाल विवाह मुक्त भारत सुरक्षित बचपन, सुरक्षित भारत, कार्यक्रम आयोजित
विराट नगर,
कस्बे में ग्राम पंचायत नवरंगपुरा में नोबल पुरस्कृत कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का आगाज हुआ। देश से 26 राज्यो में शुरू हुए इस अभियान में करीब 70 हज़ार महिलाओ ने एक साथ बाल विवाह मुक्त भारत का संकल्प लिया। यहां आयोजित साउथ अफ्रीका की नोबल विजेता लेमा बॉबी समेत देश विदेश की कई हस्तियां मौजूद रही। इस दौरान सत्यार्थी ने कहा कि बाल विवाह देश के लिए अभिशाप है। बाल विवाह बच्चियों को दुल्हन बनाकर उनके घरेलू गुलामी कराने और उनके साथ बलात्कार तथा उनके यौन शौषण का लाइसेंस दे देने जैसा काम है। ज्यादातर अबोध लड़कियां जान भी नहीं पातीं कि उनके हाथों में रची गई मेहंदी पैरों का माहुर और शादी का जोड़ा ऐसी आग है, जिसमें बालिकाएं घुट घुट कर जिंदगी बिताने पर मजबूर हो जाती है। उन्हीने कहा कि हम पिछले 42 सालों से गुलामी और बाल मजदूरी के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए स्वतंत्रता के इस युद्ध में अपने जीवन की आहुति देने वाले शहीदों का सपना पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने में दशकों के आंदोलन के बाद मिले सफलता संविधान निर्माताओं को हमारे एक विनम्र श्रद्धांजलि थी, उनके बाल विवाह रूक सके। इस सबके के बावजूद 100 मे से 23 लड़कियों का विवाह 18 साल की उम्र पुरी करने से पहले हो जाती है। देश के एक करोड़ नागरिकों की इसमें हिस्सेदारी हो यह काम हमारे हजारों कार्यकर्ताओं और सैकड़ों सामाजिक संगठनों के अलावा युवाओं और महिलाओं के संगठन, ग्राम पंचायतों के पंच-सरपंच, स्थानीय नेता, धर्मगुरु, शिक्षक,बाल सुरक्षा समितियां और संस्थाएं करेंगी।
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