धार्मिक आस्था के प्रति जनता का गहरा संबंध होने के कारण मंदिर में दान दिया करते है।पर स्वार्थी लोग मंदिर के अस्तित्व को मिटाने का प्रयास करने में जुटे हुए हैं
देश का दर्पण न्यूज संवाददाता रमेश प्रसाद सिंह की रिपोर्ट बिहार वैशाली से
धार्मिक आस्था के प्रति जनता का गहरा संबंध होने के कारण मंदिर में दान दिया करते है।पर स्वार्थी लोग मंदिर के अस्तित्व को मिटाने का प्रयास करने में जुटे हुए हैं
इस संसार में स्वार्थों लोगों की कोई कमी नहीं देखी जाती है। वैसे लोगों के वतन पर सही ढंग से वस्त्र की बात दुर रही, मन की भावना को इस कदर गांठ बांध देते हैं कि अपनी इच्छा के अनुरूप भोजन भी नहीं कर पाते हैं। वैसे स्वार्थी लोगों के वंशज द्वारा एकत्र किया हुआ धन का उपयोग किस तरह किया करते हैं सर्व विदित है।
वैसे ही स्वार्थ में लिप्त होकर मंदिर की भूमि को समाज की भूमि को बेचा ही नहीं । बल्कि चेहराकलां अंचल के अधिनस्थ सरैया ग्राम में अवस्थित शिवजी पार्वती मंदिर को ध्वस्त करते हुए अस्तित्व को मिटाकर अन्यत्र मंदिर बनाने का प्रयास जारी की गई। और तो और शिवजी पार्वती मंदिर के भूमि को अतिक्रमण किये हुए हैं।ऐसी ही घटना चेहराकलां अंचल अधिनस्थ सरैया ग्राम की है।
गौरतलब हो कि वैशाली
चेहराकलां अंचल अधिनस्थ ग्राम सरैया के थाना -114 में अवस्थित प्राचीन शिवजी वो पार्वती मंदिर के सेवइत राम ध्यान सिंह से अंकित को ध्वस्त व अतिक्रमण असमाजिक तत्वों करने का मामला सामने आया है। इस मामले में ग्रामीण वीरेंद्र साह, मुकेश कुमार यादव,शिवचन्द्र भक्त, विवेकानंद त्यागी, संजय कुमार यादव, उदेश्वर राय , रुबी कुमारी समेत अन्य लोगों के संयुक्त हस्ताक्षरयुक्त लिखित शिकायत पत्र मुख्य सचिव पटना से देते हुए जांचोपरांत दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की गई है। जिसकी प्रतिलिपि आयुक्त, तिरहुत प्रमंडल मुजफ्फरपुर, आप्त सचिव विधि परामर्शी,प्र० स० धार्मिक न्यास बोर्ड, पटना, जिलाधिकारी वैशाली, आरक्षी अधीक्षक वैशाली, अनुमंडल पदाधिकारी महुआ को भेजी गई थी। जिसपर जिला पार्षद मनोज कुमार राय, पूर्व मुखिया राजदेव प्रसाद यादव, पैक्स अध्यक्ष रविन्द्र कुमार यादव, वार्ड सदस्य रामप्रीत भगत जैसे जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा की गई है।
शिकायत पत्र में लिखा गया है कि चेहराकलां अंचल के अधिनस्थ सरैया ग्राम में अवस्थित प्राचीन शिवजी वो पार्वती के नाम से मंदिर को कुछ समाजिक तत्त्वों ने तोड़कर अन्यत्र फेक दिया गया है।जिस मंदिर के पुजारी राम ध्यान सिंह थे । उक्त मंदिर को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए पुनः मंदिर निर्माण कराने की मांग भी शामिल हैं। यहां तक कि उक्त शिकायत पत्र में लिखा गया है कि हिन्दू धर्म के आस्था के भावना को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि उक्त मंदिर के भूमि के बिक्री पर यथाशीघ्र रोक लगाई जाए।
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