राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा सोलर पवन, बायोमास एसोसिएशन तथा अक्षय ऊर्जा विकास कत्र्ताओं के साथ गुरूवार को यहां विद्युत भवन जयपुर में बैठक का आयोजन किया गया।
अक्षय ऊर्जा के हितधारकों के साथ राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के द्वारा बैठक का आयोजन
जयपुर, 30 जून राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा सोलर पवन, बायोमास एसोसिएशन तथा अक्षय ऊर्जा विकास कत्र्ताओं के साथ गुरूवार को यहां विद्युत भवन जयपुर में बैठक का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव, ऊर्जा श्री भास्कर ए. सावंत द्वारा अवगत करवाया गया कि राजस्थान राज्य अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अव्वल स्थान रखता है तथा राज्य को इस क्षेत्र में चर्मोत्कर्ष पर पहुंचाने के लिए अक्षय ऊर्जा के सभी हितधारकों का सहयोग जरूरी है। श्री सांवत द्वारा यह भी अवगत करवाया गया कि राजस्थान राज्य हाईड्रोजन स्टोरेज, हाईब्रिड सोलर, रूफटॉप इत्यादि क्षेत्रों को प्रमुखता से सम्पूर्ण रियायतें एवं सुविधाएं प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है।
श्री सांवत द्वारा यह भी अवगत करवाया गया कि राजस्थान राज्य हाईड्रोजन स्टोरेज, हाईब्रिड सोलर, रूफटॉप इत्यादि क्षेत्रों को प्रमुखता से सम्पूर्ण रियायतें एवं सुविधाएं प्रदान करने हेतु प्रतिबद्ध है।
श्री सावंत के अनुसार राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु डिस्ट्रीब्यूटेड सोलर जेनेरेशन को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष श्री टी. रविकांत द्वारा अक्षय ऊर्जा हितधारकों को आश्वस्त किया गया कि राज्य सरकार के स्तर पर अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं स्थापना, भूमि आवंटन, जी. आई. बी. से संबंधित मुद्दों पर राज्य सरकार के स्तर पर यथाशीघ्र समाधान किया जावेगा एवं इन परियोजनाओं को तीव्र गति प्रदान की जावेगी।
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक श्री अनिल ढ़ाका द्वारा अक्षय ऊर्जा के हितधारकों को राज्य सरकार की नीतियों, राज्य सरकार द्वारा अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में दी जा रही सुविधाओं एवं प्रोत्साहन आदि के बारे में विस्तार से अवगत करवाया गया तथा इन परियोजनाओं की स्थापना में आ रही समस्याओं के निस्तारण हेतु हितधारकों को अपने सुझाव प्रस्तुत करने के लिए कहा गया।
इस बैठक में अक्षय ऊर्जा से संबंधित हितधारक यथा मै. अडानी, मै. रिलाईस, मै. टाटा, मै. एन.टी.पी.सी, टोरेंटों, सुजलोन आदि लगभग 25 अक्षय ऊर्जा हितधारकों ने भाग लिया तथा उनकी परियोजनाओं में आ रही समस्याओं एवं उनके निस्तारण हेतु अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
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