उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण को लेकर संवेदनशील है: सीएम योगी

उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण को लेकर संवेदनशील है: सीएम योगी


गोरखपुर 30 जुलाई (पी एम ए) उ0प्र0 वन एंव वन्य जीव विभाग द्वारा अर्न्तराष्ट्रीय बाघ दिवस 2022 के अवसर पर बाघ संरक्षण हेतु अर्न्तसीमावर्ती सहयोग कार्यशाला का आयोजन योगी राज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह एंव सांस्कृतिक केन्द्र में हुआ। अर्न्तराष्ट्रीय बाघ संरक्षण दिवस के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्बोधन का प्रस्तुतिकरण लखनऊ से वीडियो द्वारा किया गया। इसके अतिरिक्त बाघ संरक्षण में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लगभग 27 व्यक्तियों तथा बाघ संरक्षण सप्ताह के अन्तर्गत विभिन्न स्कूलों/विद्यालयों में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे निबंध, पेंटिंग, रंगोली आदि के 22 विजेताओं को एवं मित्र देश नेपाल के लगभग 5 प्रतिनिधियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा इस अवसर पर वन एंव वन्यजीव विभाग की ’’ैजंदकंतक व्चमतंजपदह च्तवबमकनतम - ज्पहमत ैंंितप ळनपकमसपदमे’’ नामक पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
इस अवसर पर अपने वीडियों उद्बोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण को लेकर संवेदनशील है। बाघ संरक्षण के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए चित्रकूट के रानीपुर में प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व बनाने का निर्णय लिया जा चुका है। यह टाइगर रिजर्व बहुत जल्द अस्तित्व में आने जा रहा है। उन्होंने कहा कि अपने देश में 1973 में बाघ को राष्ट्रीय पशु घोषित करते हुए सेव टाइगर प्रोजेक्ट शुरू किया गया। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने समय से पूर्व 2018 में ही सेव टाइगर के लक्ष्य को पा लिया। राज्य स्तर पर उ0प्र0 में बाघों की संख्या 2006 में 106 थी जो 2018 में बढ़कर 173 हो गयी। बाघों की नई गणना के जब परिणाम आयेंगे तो यह संख्या करीब 200 होने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन और बाघ एक दूसरे के नैसर्गिग संरक्षक है। बाघों के बिना वन का आस्तित्व संभव नही है और न ही बिना वन के बाघ रह सकते है। वन की रक्षा बाघ करते हुए और वन उनकी रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि पीलीभीत, दुधवा और अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के बाद रानीपुर में टाइगर रिजर्व के अस्तित्व में आने से प्रदेश में कुल टाइगर रिजव क्षेत्र 3500 वर्ग किलो मीटर से अधिक हो जायेगा जो प्रदेश के सम्पूर्ण वन क्षेत्रफल का 21 प्रतिशत होगा।
इस अवसर पर प्रदेश के वन एंव पर्यावरण जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरूण कुमार सक्सेना ने कहा कि बाघ का होना जंगल के लिए आवश्यक है। प्रदेश में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है, बाघ पुराना जन्तु है और इसकी दहाड़ 4 किमी0 तक जाती है। बाघ अपनी असीम शक्तियो एवं परिस्थितिकीय श्रृंखला के शीर्ष पर अवस्थित होने के कारण भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित है। बाघ पारम्परिक रूप से हमारे परिस्थितिकीय तंत्र और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। बाघों के बचाव, पुर्नवास आदि पर अपनाई जाने वाली मानक संचालन प्रक्रिया हेतु भारत सरकार द्वारा समय समय पर दिशा निर्देश जारी किये गये है। उन्होंने कहा कि बाघांे के संरक्षण के प्रति जनता को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर चिड़ियाघर में एक सफेद बाघ आया है और एक और सफेद बाघ एंव दो जेबरा शीघ्र लाया जायेगा। श्री सक्सेना ने कहा कि वन्य जीवों को मारोगे तो बहुत पछताओगे और इन्हें किताबों में ही पाओगे। अतः वन्य जीव संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जनपदवासियों से अपील किया कि 15 अगस्त को वह एक पेड़ अवश्य लगायें तथा हर घर एक तिरंगा अवश्य फहराया जाये।
इस मौके पर प्रदेश के पर्यावरण वन्य एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री के0पी0 मलिक ने कहा कि जीव जगत में बाघ की अलग पहचान है, उसकी ताकत, उसकी बनावट एक अलग पहचान छोड़ता है। बाघों का अस्तित्व बनाये रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को सुझाव दिया कि वन कर्मियों जो वन्य जीवों के बीच रहते है उनको सम्मानित किया जाना चाहिए ताकि वे और उत्साहित होकर अच्छा कार्य करें। विद्यालयों/कालेजों में वन्य जीव संरक्षण हेतु बच्चों को जागरूक भी किया जाये।
अपर मुख्य सचिव पर्यावरण वन एंव जलवायु परिवर्तन मनोज सिंह ने कहा कि पहली बार गोरखपुर में इस तरह का आयोजन किया गया है। उन्होंने बाघ पर चर्चा करते हुए बताया कि बाघ कभी थकता नही है, हार नही मानता है, वह जंगल का राजा होता है और उसकी खूबसूरती देखने लायक होती है। बाघ सबसे बड़ा तैराक भी होता है और इसमें दौड़ने की क्षमता अधिक होती है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी ऐसे आयोजन किये जाये तो निश्चित रूप से वह काफी ज्ञानवर्धक होगा। बाघों को रहने के लिए जंगल का संरक्षण आवश्यक है।
इस कार्यशाला को वर्चुअल मोड में सदर सांसद रविकिशन शुक्ल एंव फिल्म अभिनेता रणदीप हुडा ने भी सम्बोधित किया। स्वागत सम्बोधन प्रधान मुख्य वन संरक्षक/विभागाध्यक्ष ममता संजीव दूबे तथा आभार ज्ञापन प्रधान मुख्य वन संरक्षक के0पी0 दूबे ने किया। इस मौके पर जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश, एसएसपी डा0 गौरव ग्रोवर, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक कमलेश कुमार आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रगान एंव दीप प्रज्वलित कर किया गया।

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