उत्तर प्रदेश न्यूज़ सीतापुर में मिशन शक्ति अभियान को पलीता लगा रहे इस्पेक्टर कमलापुर सामूहिक रेप जैसे आरोपों पर भी सजग नहीं दिखती कमलापुर पुलिस पुलिस ने नहीं दर्ज की पीड़िता की शिकायत उल्टे पीड़िता को डांट फटकार कर व गालियां दे थाने से भगाया
मिशन शक्ति अभियान को पलीता लगा रहे इस्पेक्टर कमलापुर
सामूहिक रेप जैसे आरोपों पर भी सजग नहीं दिखती कमलापुर पुलिस
पुलिस ने नहीं दर्ज की पीड़िता की शिकायत उल्टे पीड़िता को डांट फटकार कर व गालियां दे थाने से भगाया
शिकायत दर्ज कराने के बजाय खुद जज की भूमिका में नजर आए इस्पेक्टर कमलापुर
बोले हम नहीं दर्ज करते हैं ऐसे फर्जी केस।
रिपोर्ट राकेश पाण्डेय
देश का दर्पण जनपद सीतापुर उत्तर प्रदेश
सीतापुर।जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार महिलाओं को लेकर मिशन शक्ति जैसे अभियान चला पूरे प्रदेश में महिलाओं को उनका अधिकार एवं सुरक्षा दिलाने की बात करती है, तो वहीं जनपद सीतापुर में सरकार के कुछ नुमाइंदे ही सरकार की छवि को धूमिल करने पर लगे हुए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद सीतापुर के कमलापुर थाना क्षेत्र में गोंडा निवासी महिला द्वारा सामूहिक रेप जैसे जघन्य अपराध की लिखित शिकायत कमलापुर इंस्पेक्टर को दिनांक 25 जुलाई 2022 को दी गई थी, परन्तु कमलापुर इंस्पेक्टर द्वारा उक्त महिला को दो दिनों तक थाने पर बिठाए रखा गया और महिला द्वारा दिए गए शिकायती पत्र की प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की गई। इतना ही नहीं कमलापुर पुलिस ने उक्त महिला का डॉक्टरी परीक्षण तक कराने का कष्ट नहीं किया। उल्टे इंस्पेक्टर कमलापुर द्वारा महिला को डरा धमका कर व अभद्र शब्दों का प्रयोग कर थाने से भगा दिया गया।
जानकारी के अनुसार जनपद गोंडा के थाना हरैया के शंकर नगर निवासी महिला ने थाना प्रभारी कमलापुर को लिखित शिकायत पत्र सौंप कमलापुर थाना क्षेत्र के ग्राम चंदोखा निवासी रामगोपाल,रामचन्दर व रामसागर पर सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। जिस पर कमलापुर पुलिस द्वारा पीड़िता को दो दिनों तक कमलापुर थाने पर बिठाए रखा गया एवं उक्त तीनों आरोपियों को भी कमलापुर पुलिस पकड़ कर थाने लाई।
उक्त आरोपियों को भी कमलापुर पुलिस ने दो दिनों तक थाने पर बिठाए रखा इसके बाद कमलापुर पुलिस ने उक्त आरोपियों को छोड़ दिया एवं पीड़िता को अभद्र शब्द कहते हुए थाने से भगा दिया ।
इस विषय पर जब थाना प्रभारी कमलापुर पुष्पराज कुशवाहा से जानकारी ली गई तो उन्होंने सीधे जज की भूमिका में जवाब दिया कि हम ऐसे फर्जी मुकदमे दर्ज नहीं करते। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि कमलापुर पुलिस ने आखिर पीड़िता को दो दिनों तक थाने पर बिठाने के बाद भी क्यों नहीं दर्ज की शिकायत ? आखिर क्यों नहीं पुलिस ने करवाया पीड़िता का मेडिकल परीक्षण ?
क्या अधिकारी इस प्रकरण को संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई करेंगे अथवा अन्य मामलों की तरह यहां भी उक्त केस सिर्फ कागजों तक ही दब कर रह जाएगा यह तो भविष्य ही तय करेगा।
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